Naag panchami 2021 : नागपंचमी का दिन व्यक्ति के दुर्योगों को दूर करने का सबसे अच्छा उपाय है. ऐसे में ज्योतिषियों के अनुसार अगर किसी की कुंडली में विषकन्या और विष योग है तो पूजा कर निदान पाया जा सकता है. नाग पंचमी पर पूजा का मुहूर्त सुबह 05:48:49 बजे से 08:27:36 तक करीब 2 घंटे 38 मिनट का होगा.
 
विषकन्या योग 
1. शनि प्रथम भाव में, सूर्य पंचम और मंगल नवम भाव में हो तो यह 'विषकन्या' योग है.
2. किसी स्त्री की जन्मपत्रिका में लग्न और केन्द्र में पाप ग्रह हों,  शुभ ग्रह शत्रु क्षेत्री या षष्ठ, अष्टम व द्वादश स्थानों में हो तो विषकन्या योग बनता है.
3. स्त्री का जन्म रविवार, मंगलवार और शनिवार को 2,7,12 तिथि के अन्तर्गत अश्लेषा, शतभिषा, कृत्तिका नक्षत्र में हो तो विषकन्या योग बनता है.


विषयोग का निदान 
1. चंद्र, शनि किसी भी भाव में साथ हो जाएं तो यह विष योग का कारक बनता है.
2. गोचर में शनि चंद्र के ऊपर से या चंद्र शनि के ऊपर से निकलता है तब विष योग बनता है., जब भी चंद्रमा गोचर में शनि या राहु राशि में आता है विष योग बनता है.
3. कुछ विद्वान मानते हैं कि युति के अलावा शनि की चंद्र पर दृष्टि से भी विष योग बनता है.
4. कर्क राशि में शनि पुष्य नक्षत्र में हो और चंद्रमा मकर में श्रवण नक्षत्र में हो या चन्द्र और शनि विपरीत स्थिति में हों और दोनों एक दूसरे को देख रहे हों तो तब भी विष योग है.
5. आठवें स्थान पर राहु, शनि मेष, कर्क, सिंह, वृश्चिक लग्न में हो तो भी विष योग है.
6. शनि दशा, चंद्र प्रत्यंतर हो या चंद्र की दशा हो, शनि प्रत्यंतर हो तो भी विष योग बनता है.


नागपंचमी का उपाय :
1. चतुर्थी के दिन एक बार भोजन और पंचमी के दिन उपवास रखकर शाम अन्न ग्रहण करें.
2. नागों की पूजा के लिए चित्र या मूर्ति लकड़ी पाट पर रखकर पूजा करना चाहिए. शिव और पार्वती के चित्र या मूर्ति के साथ नाग पूजा करें.
3. हल्दी, कंकू, रोली, चावल और फूल मूर्ति पर चढ़ाते हुए पूजा करें. कच्चा दूध, घी, चीनी मिलाकर नाग मूर्ति को अर्पित करें.
4. पूजन करने के बाद सर्प देवता की आरती उतारें और नाग पंचमी की कथा अवश्य सुनें.
5 इसके बाद 'ऊं कुरु कुल्ले फट् स्वाहा' का जाप करते हुए घर में सभी जगह जल छिड़कें.
9. ऐसे शिव मंदिर में जहां शिवलिंग पर नाग मूर्ति विराजमान न हो तो प्रतिष्ठा करवाकर नाग चढ़ाएं. नाग पंचमी इसके लिए विशेष दिन होता है.


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