Shani Amavasya 2021: शनि अमावस्या के दिन इस विधि से करें शनि देव का पूजन, होगा साढ़ेसाती और ढैय्या के कष्टों का नाश
Shani Dev Pujan Vidhi On Amavasya 2021: मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष का कल आखिरी दिन है और कृष्ण पक्ष के अंतिम दिन होती है अमावस्या. आज मार्गशीर्ष माह की अमावस्या तिथि है.
Shani Dev Pujan Vidhi On Amavasya 2021: मार्गशीर्ष माह (Margashirsh Month) के कृष्ण पक्ष का कल आखिरी दिन है. और कृष्ण पक्ष के अंतिम दिन होती है अमावस्या. आज मार्गशीर्ष माह की अमावस्या तिथि (Margashirsh Amavasya 2021 है. हिंदू धर्म में मार्गशीर्ष माह की अमावस्या का विशेष महत्व है. बता दें कि मार्गशीर्ष माह को अगहन माह (Aghan Month) के नाम से भी जाना जाता है. इसलिए इस अमावस्या को अगहन अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन शनिवार होने के कारण इसका महत्व और अधिक बढ़ जाता है. इसे शनि अमावस्या या शनैश्चरी अमावस्या (Shani Amavasya 2021) के नाम से भी जाना जाता है.
शनि के कुप्रभावों और दृष्टि से बचने के लिए शनैश्चरी अमावस्या (Shanishchari Amavasya 2021) का दिन बेहद शुभ होता है. इस दिन साढ़ेसाती, ढैय्या और शनि जुड़े कष्टों से मुक्ति पाने का उत्तम दिन होता है. इस दिन शनि देव का विशेष पूजन करने सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है. जानें शनि अमावस्या के दिन पूजन विधि (Shani Amavasya Pujan Vidhi At Home) और अन्य जरूरी बातों के बारे में.
यूं करें शनिदेव की पूजा (Shani Dev Puja)
शनि अमावस्या के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नानादि करने के बाद सफाई करके चौकी लगाएं. एक लकड़ी के पाटे पर काले रंग का कपड़ा बिछाकर उस पर शनि देव की प्रतिमा, यंत्र और सुपारी स्थापित करें. इसके बाद सरसों के तेल का दीपक जलाएं. शनि देव पर अबीर, गुलाल, सिंदूर, कुमकुम, काजल लगाकर नीले फूल अर्पित करें. इसके बाद तेल में तली हुई पूड़ी और अन्य चीजों का भोग शनि देव को लगाएं. साथ ही, फल भी अर्पित करें. इसके बाद 5, 7, 11 या 21 बार शनि मंत्र का जाप करें और शनि चालीसा का पाठ करें. अंत में शनि देव की आरती करना न भूलें.
मंदिर में भी जलाएं दीपक (Light Up Deepak In Temple)
घर के पास शनि मंदिर में शनिदेव की प्रतिमा के समक्ष सरसों के तेल का दीपक और सरसों के तेल के बने मिष्ठान अर्पित करें. इस दिन पीपल के नीचे भी एक सरसों के तेल का दीपक अवश्य जलाएं. शनि अमावस्या के दिन काले तिल, काली उड़द, काला कपड़ा, लोहे की कोई चीज और सरसों का तेल आदि सामर्थ्य के अनुसार जरूरतमंद या गरीबों को दान करें. फिर शनि स्तोत्र का तीन बार पाठ करें. शनि मंत्र और शनि चालीसा के पाठ भी कर सकते हैं. ऐसा करने से शनि की महादशा के कष्ट कम होते हैं और शनि देव की कृपा प्राप्त होती है.
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