Shani Amavasya: शनिदेव साढ़ेसाती आदि में किए गए कर्म के भले या बुरे फल देते हैं. शनिवार के दिन और खासतौर पर शनि अमावस्या के दिन ऐसे उपायों को करने से कई गुना तक फल मिलते हैं. आइए जानते हैं.


1. घर के आसपास कोई पीपल पेड़ हो तो परिक्रमा करनी चाहिए. सुबह के समय मीठा दूध वृक्ष की जड़ में चढ़ाएं और तेल का दीपक पश्चिम की ओर बत्ती कर लगाएं. 'ॐ शं शनैश्चराय नम:' मंत्र पढ़कर 1-1 दाना मीठी नुक्ती का हर परिक्रमा पर हर मंत्र के साथ दाना चढ़ाएं. शनि देवता की कृपा पाने के लिए प्रार्थना करें.

2. ऐसी काली गाय, जिस पर दूसरा कोई निशान न हो मिलने पर उसकी पूजा कर आठ बूंदी लड्डू खिलाकर परिक्रमा करें. उसकी पूंछ से अपना सिर आठ बार झाड़ दें.

3. काला सूरमा सुनसान जगह गड्ढे में गाड़ दें. काले कुत्ते को तेल लगी रोटी खिलाएं.

4. काले घोड़े की नाल या नाव की कील का छल्ला बीच की अंगुली में धारण करें.

5. बिच्छू, बूटी या शनि यंत्र धारण करें. 

6. पानी वाले 11 नारियल, काली-सफेद तिल्ली 400-400 ग्राम, आठ मुट्ठी कोयला, आठ मुट्ठी जौ, आठ मुट्ठी काले चने, नौ कीलें काले कपड़े में बांधकर शाम से पहले नदी में 1-1 कर उतारकर शनिदेव की प्रार्थना कर पूर्व मुंह रखते हुए बहा दें.

7. कांसे की कटोरी में सरसों या तिल तेल से भरकर अपना चेहरा देखकर दान करें.
8. 800 ग्राम तिल और सरसों का तेल दान करें. काले कपड़े, नीलम दान करिए.

9. हनुमान चालीसा पढ़ते हुए हर चौपाई पर एक परिक्रमा करें.

10. काले घोड़े की नाल घर के दरवाजे पर लगाएं. मुंह ऊपर खुला रखें. दुकान या फैक्टरी द्वार पर लगाएं तो खुला मुंह नीचे रखें.


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