Astrology, Shani, Brishaspati, Shukra Upay: मनुष्य के जन्म लेने के साथ ही ग्रहों की स्थिति उसके जीवन पर प्रभाव डालना शुरु कर देती है. जीवन में सुख-दुख दोनों के लिए ग्रहों की अहम भूमिका होती है. ग्रहों की शांति के लिए विशेष उपाय की जरूरत होती हैं.


ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों की स्थिति देखकर ही व्यक्ति के व्यक्तिव और उसके भविष्य में होने वाली घटना का पता लगाया जाता है. जाने-अनजान में व्यक्ति कुछ ऐसी गलतियां कर बैठता है जो ग्रहों के अशुभ प्रभाव झेलने पड़ते हैं. आइए जानते हैं शनि, गुरु, शुक्र के कुंडली में अशुभ होने पर क्या होता है. साथ ही जानें इन तीनों ग्रहों की शांति के उपाय.


1- शनि के अशुभ प्रभाव (Shani Ashubh sanket)


शनि देव को दंडाधिकारी और कर्मफलदाता कहा गया है. कर्म के अनुसार न्याय करने वाले शनि की अशुभ दृष्टि जीवन में कठिनाईयां और परेशानियां लाती हैं. धन हानि, मेहनत के बाद भी सफलता न मिलना, क्रोध, बुरी लत, मान-सम्मान को ठेस पहुंचना आदि शनि के भारी होने के संकेत होते हैं.


इन कामों से शनि देते है अशुभ फल



  • बुजुर्गों और बेसहारा व्यक्ति को परेशान करना

  • धन के लालच में गलत कार्य करना

  • दूसरों का हक छीनने वाले वालों को भी शनि माफ नहीं करते हैं.

  • झूट और कपट रखने वालों से शनि नाराज रहते हैं.


शनि ग्रह की शांति के उपाय (Shani Dev Upay)



  • पीपल के पेड़ में जल अर्पित करने से बहुत जल्दी शनि दोष शांत होता है.

  • शनिवार के दिन लोहे की वस्तुएं, काले वस्त्र, उड़द, सरसों का तेल, जूते-चप्पल आदि का दान करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं.

  • जरुरतमंदो की निस्वार्थ भावना से मदद करें.


2 - शुक्र के अशुभ प्रभाव (Shukra Ashubh Sanket)


ज्योतिष शास्त्र में भोग विलास, प्रेम, दांपत्य, विदेश यात्रा आदि का कारक माना गया है. शुक्र के कमजोर होने से व्यक्ति को भौतिक सुखों का अभाव होता है. वैवाहिक जीवन में तनाव, संतान सुख से वंचित रहता है.


इन कामों से शुक्र देते है अशुभ फल



  • प्रेम में धोखा देने पर शुक्र की अशुभता मिलती है.

  • महिलाओं का अनादर करन पर शुक्र अशुभ फर प्रदान करता है

  • धन का घमंड और पैसों के गलत इस्तेमाल से दूसरों को हानि पहुंचाने पर शुक्र की दूषित हो जाता है.


शुक्र ग्रह की शांति के उपाय (Shukra Upay)



  • शुं शुक्राय नम: मंत्र का 108 बार जाप करें.

  • शुक्रवार के दिन सफेद वस्तु जैसे दूध,मोती,दही,चीनी,आटा और दूध,घी आदि का दान करें


3 - गुरु के अशुभ प्रभाव (Brihaspati Ashubh Sanket)


देवगुरु बृहस्पति नव ग्रहों में सबसे अधिक शुभ माने गए हैं. गुरु भाग्य का कारक है. यह हमारी धार्मिक भावनाओं को नियंत्रित करता है. गुरु बृहस्पति मजबूत स्थिति में हो तो धन, संतान सुख, खुशहाल वैवाहिक जीवन पाता है. अगर कुंडली में गुरु खराब स्थिति में हो तो छोटे कार्य में भी बाधा आने लगती है.


इन कामों से गुरु देते है अशुभ फल



  • सच्चे और महान व्यक्ति का अपमान न करें.

  • शिक्षा से जुड़े किसी भी कार्य में अड़चने न डालें

  • अनुशासित रहें और दूसरों की निंदा करने से बचें


गुरु ग्रह की शांति के उपाय (Brishaspati Upay)



  • रोजाना, खासकर गुरुवार को बृहस्पति के मंत्र ओम ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरवे नम: मंत्र का जाप मंत्र का जाप 3, 5 माला जाप करें.

  • गुरु ग्रह को प्रबल करने के लिए गुरुवार का व्रत रखें और पीला अन्न, पीले वस्त्र, फूल, हल्दी, पुस्तक आदि का दान करें.


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