Shani Dev : शनि देव राशि बदलते ही इन राशियों को दे सकते हैं परेशानी, रहना होगा सावधान
Shani Sade Sati: साल 2022 में शनि राशि परिवर्तन करने जा रहे हैं. जिन लोगों पर साढे़साती चल रही है, उन्हें विशेष ध्यान देना होगा. शनि गोचर का इन राशियों पर क्या प्रभाव पड़ने जा रहा है, जानते हैं.
Shani Dev : शनि देव जिस राशि में विराजमान होते हैं उस राशि समेत उसके आगे और पीछे वाली राशि पर भी शनि साढ़े साती चलती है. यानी कुल मिलाकर एक साथ तीन राशियों को शनि की इस महादशा का सामना करना पड़ता है.
शनि देव वर्तमान में मकर राशि में विराजमान हैं और मकर समेत धनु और कुंभ वालों पर शनि साढ़े साती चल रही है. जिसमें धनु वालों पर इसका आखिरी चरण, मकर वालों पर दूसरा चरण तो कुंभ राशि वालों पर इसका पहला चरण चल रहा है. शनि के राशि बदलते ही धनु वालों को शनि साढ़े साती से मुक्ति मिल जाएगी तो वहीं मीन राशि वालों पर इसका प्रारंभ हो जाएगा. जानिए किस राशि के जातकों पर शनि साढ़े साती का शिखर चरण यानी सबसे कष्टदायी चरण शुरू होगा.
शनि साढ़े साती के तीन चरण होते हैं जिसमें से पहले चरण में लोगों को मानसिक और आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इस दौरान आमदनी में कमी आती है. खर्च बढ़ जाते हैं. नींद नहीं आती है. मानसिक चिंताओं में बढ़ोतरी हो जाती है. वहीं इसके दूसरे चरण में व्यवसायिक तथा पारिवारिक जीवन में उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ता है. शारीरिक कष्ट भी भोगने पड़ते हैं. किसी का सहयोग नहीं मिल पाता. हर तरफ से परेशानियां घेर लेती हैं. तीसरे चरण में भौतिक सुख सुविधाओं में कमी आती है. मानसिक, शारीरिक और आर्थिक हर तरह के कष्ट मिलते हैं. इस चरण में शनि व्यक्ति को उसकी गलती सुधारने का मौका देते हैं. कहते हैं शनि जाते जाते कुछ न कुछ अच्छा करते हैं. इन तीनों चरणों में दूसरे चरण को सबसे ज्यादा कष्टदायी माना जाता है.
शनि 29 अप्रैल 2022 में कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे. इस राशि में शनि के प्रवेश करते ही कुंभ वालों पर शनि साढ़े साती का दूसरा चरण शुरू हो जायेगा. ये शनि साढ़े साती का शिखर चरण भी कहलाता है. इसमें तमाम तरह के कष्टों का सामना करना पड़ता है. इसलिए इस दौरान बेहतरी इसी में होती है कि हर काम सावधानी से किया जाए और धैर्य रखा जाएगा. हालांकि कुंभ राशि वालों के लिए ये चरण बाकी राशि वालों की तुलना में कम कष्टदायी होगा. क्योंकि इस राशि के शनि स्वामी ग्रह हैं. इसलिए इन पर शनि की दशा का उतना बुरा प्रभाव नहीं पड़ता. इसी के साथ जिन लोगों की कुंडली में शनि मजबूत स्थिति में विराजमान हैं उनके लिए ये चरण शुभ फलदायी साबित होगा.