Shani Dev: धार्मिक कार्यों के लिए आषाढ़ मास को उत्तम बताया गया है. पंचांग के अनुसार 25 जून 2021 से आषाढ़ का महीना आरंभ हो रहा है. आषाढ़ का महीना भगवान विष्णु और भगवान शिव को समर्पित है. इस दिन विधि पूर्वक पूजा करने से देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है. आषाढ़ मास में शनि देव की पूजा करने से शनि देव प्रसन्न होते हैं.
शनि देव श्रवण नक्षत्र गोचर कर रहे हैं (Shani Gochar 2021)
वर्तमान समय में शनि देव श्रवण नक्षत्र में गोचर कर रहे हैं. शनि देव इस समय मकर राशि में विराजमान हैं. शनि देव मकर राशि में ही वक्री हैं. यानि शनि देव इस समय उल्टी चाल चल रहे हैं.
शनि की साढ़ेसाती (Shani Sade Sati)
धनु, मकर और कुंभ राशि पर शनि की साढ़ेसाती चल रही है. इस वर्ष शनि देव का कोई राशि परिवर्तन नहीं है. शनि इस वर्ष मकर राशि में ही विराजमान रहेंगे. साढ़ेसाती के दौरान शनि देव जन्म कुंडली में ग्रहों की स्थिति के आधार पर फल प्रदान करते हैं.
शनि की ढैय्या (Shani Dhaiya)
मिथुन और तुला राशि पर शनि की ढैय्या बनी हुई है. शनि की चाल सभी ग्रहों में बहुत ही धीमी मानी गई है. शनि देव एक राशि से दूसरी राशि में जाने के लिए लगभग ढ़ाई वर्ष का समय लेते हैं.
शनि अशुभ फल (Shubh Ashubh Effects of Saturn)
शनि देव जब अशुभ होते हैं तो व्यक्ति को जीवन में कई तरह की बाधाएं और परेशानियां प्रदान करते हैं. जॉब, शिक्षा, करियर और दांपत्य जीवन में परेशानी देने के साथ साथ रोग आदि भी प्रदान करते हैं. इसलिए शनि देव को शांत रखना जरूरी माना गया है.
शनि के उपाय (Shani Ke Upay)
आषाढ़ मास के प्रथम शनिवार को शनि देव की पूजा करें. 26 जून 2021 को शनिवार है. इस दिन नजदीकी शनि मंदिर में शनि देव पर सरसों का तेल चढ़ाएं. इसके साथ ही काले तिल का दान करें. आषाढ़ मास में शनि को शांत करने के लिए काला छाता का दान उत्तम माना गया है.
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