Shani Dev: शनि देव सदैव अपनी दृष्टि झुकाए रहते हैं, वे किसी पर सीधी दृष्टि नहीं डालते हैं. इसी कारण शनि की दृष्टि की सबसे अधिक बात होती है. कई पौराणिक कथाओं में शनि की दृष्टि को अनिष्टकारी बताया गया है.


कहते हैं कि शनि (Shani Dev) की नजर जिस पर पड़ जाती है, उसका बुरा समय निकट आ जाता है. भगवान शिव पर पड़ी तो उन्हें देवता से पशु योनि में जाना पड़ गया. भगवान राम पर पड़ी तो 14 वर्ष का वनवास झेलना पड़ा. रावण पर जब शनि की दृष्टि पड़ी तो उसकी बुद्धि खराब कर दी. सत्यवादी राजा हरिशचंद्र पर पड़ी तो पूरा राजपाट चला गया पत्नी बच्चे सब बिछड़ गए.


यही कारण है कि शनि के नाम मात्र से ही लोग कांपने लगते हैं. पसीने छूटने लगते हैं. लेकिन शनि हमेशा खराब फल देते हैं? ऐसा कतई नहीं है. शनि किन लोगों को माफ नहीं करते हैं. इसे जानना बहुत आवश्यक है.


शनि देव कहते हैं 'दुर्बल को न सताइये'


कबीर का एक दोहा है-


दुर्बल को न सताइये, जाकी मोटी हाय।
मरी खाल की सांस से, लोह भसम हो जाय.


इस दोहे का अर्थ है कि कभी भी कमजोर का नहीं सताना चाहिए. जो लोग दुर्बल को सताते हैं वे इनकी हाय लेते हैं, दुर्बल की बदुआ से लोहा भी भस्म हो जाता है. इंसान की तो बिसात ही क्या है.


सत्ता, शक्ति और अहंकार में जो लोग डूब जाते हैं और कमजोरों को सताने लगाते हैं. उन पर अत्याचार करने लगते हैं. उनके परिश्रम का फल हड़प लेते हैं. मांगने पर परेशान करते हैं. उन्हें यातनाएं देते हैं. कलियुग के न्यायाधीश शनि देव उन्हें कभी माफ नहीं करते हैं. शनि महाराज ऐसे लोगों को कठोर से कठोर दंड देते हैं. इसलिए किसी भी परिस्थिति में निर्बल को नहीं सताना चाहिए.


अक्सर सोशल मीडिया और न्यूज में अक्सर खबरें आती है कि किसी ने ऑटो या रिक्शे वाले के साथ मारपीट कर दी. किसी ने मजदूर के साथ गलत कर दिया. जो लोग ऐसा कृत्य करते हैं, शनि देव (Shani Dev) उन्हें माफ नहीं करते हैं और उसे दंड देते हैं. इसलिए कभी गरीब, मजदूर और कमजोर वर्ग के लोगों को नहीं सताना चाहिए क्योंकि ये सभी शनि के प्रिय हैं. अत:इस बात को कभी नहीं भूलना चाहिए-


दुखिया को न सताइए, दुखिया देगा रोय
जब दुखिया के मुखिया सुने तो तेरी गति क्या होय।।


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