Shani Dev: शनि देन जीवन में कुछ भी बुरा न करें, इसके लिए कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए. शनि देव की दृष्टि से कोई नहीं बच सकता है.
शनि की नजर से भगवान और प्रेत भी नहीं बच सकते हैं. इंसान की तो बिसात ही क्या है. कहते हैं कि शनि की दृष्टि के कारण ही भगवान राम (Lord Ram) को वनवास हुआ-
राज मिलत बन रामहिं दीन्हो ।
कैकेइहुं की मति हरि लीन्हों।।
रावण पर शनि (Shani Dev) ने नजर डाली तो सोने की लंका जलकर राख हो गई और भगवान राम के हाथों मरना पड़ा-
रावण की गति-मति बौराई ।
रामचन्द्र सों बैर बढ़ाई।।
सत्यवादी राजा हरिश्चंद्र पर जब शनि (Shani Eyes) की नजर पड़ी तो राजपाट का त्याग करना पड़ा और ऐसे-ऐसे अनुभव कराए जिसकी कल्पना भी नहीं जा सकती-
हरिश्चन्द्र नृप नारि बिकानी ।
आपहुं भरे डोम घर पानी।।
कहने का अर्थ ये है कि शनि जब-जब अपनी अशुभ दृष्टि डालते हैं तब-तब अनिष्ट होना सुनिश्चित है, अब प्रश्न उठता है कि शनि की कुदृष्टि से कैसे बचा जा सकता है?
मनुष्य को जीवन में कम से कम एक बार तो शनि (Shani Dev) की दशा भोगनी ही पड़ती है. ज्योतिष ग्रंथों में शनि को सबसे धीमी गति से चलने वाला ग्रह बताया गया है.यही कारण है कि ये एक राशि से दूसरी राशि में जाने में लगभग 30 वर्ष का समय लेते हैं. शनि एक राशि में करीब 30 महीने तक रहते हैं.
शनि क्या करते हैं?
शनि नाराज (Angry Shani Dev) होने पर गंभीर रोग दे सकते हैं. अचानक से नौकरी छुड़ा सकते हैं. जेल जाना पड़ सकता है. समाज में बदनामी दे सकते हैं. शत्रु से हानि हो सकती है. वैवाहिक जीवन में अड़चन आ सकती है. तलाक की स्थिति बन सकती है. धंधा-रोजगार चौपट हो सकता. बैंक में जमा पूंजी तेजी से घटने लगती है. रिश्तेदार दूरी बना लेते हैं. संतान सुख में कमी आती है.
शनि से कैसे बचें?
शनि (Shani Dev) एक न्याय प्रिय ग्रह है. इसे अनुशासन पसंद है. किसी भी प्रकार का फरेब, धोखा देना, पद का दुरुपयोग करना इस ग्रह को कतई पसंद नहीं है. इसलिए शनि शुभ फल दें इसके लिए व्यक्ति को इन बातों का ध्यान रखना चाहिए.यदि ऐसा नहीं करते हैं तो शनि की महादशा (Shani Mahadasha), शनि की साढ़ेसाती (Sade Sati) और ढैय्या (Shani Dhaiya) के दौरान कष्ट मिल सकता है.
शनि के उपाय (Shani Ke Upay)
शनि देव (Shani Dev) क्रूर ग्रह होने के बाद भी शुभ फल देते हैं. यदि व्यक्ति सच्चाई के मार्ग पर चलता है और सदैव जरूरतमंदों की मदद करता है, शनि उसकी रक्षा अवश्य ही करते हैं.
इसके साथ शनिवार (Shanivar) के दिन जो लोग गरीबों को दान देते हैं, शनि मंदिर में शनि देव (Shani Dev) को तेल चढ़ाते हैं, शनि उनकी मनोकामना पूरी करते हैं. नित्य शनि चालीसा (Shani Chalisa) का पाठ करने से भी शनि शुभ फल प्रदान करते हैं. शनि को प्रसन्न रखने के लिए अच्छे कर्म करना चाहिए. जो उनकी प्रथम प्राथमिकता है.
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