Shani Dev: शनि और भगवान गणेश का क्या हैं संबंध, गणेश चतुर्थी के अवसर पर जानें कथा
Shani Dev: भगवान गणेश और शनि देव का क्या है संबंध, जानें कैसे हुई थी दोनों की मुलाकात, जानें इससे जुड़ी संपूर्ण कथा.
Shani Dev: गणेश उत्सव (Ganesh Utsav) का पर्व आज यानि 7 सितंबर, 2024 शनिवार से शुरु हो रहा है. संयोग से गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) का पर्व साल 2024 में शनिवार के दिन से शुरु हो रहा है. शनिवार का दिन शनि देव (Shani Dev) को समर्पित है. इस खास दिन पर जानते हैं शनिदेव और गणपति (Ganpati) में क्या संबंध है.
गणेश भगवान हिंदू धर्म (Hindu Dharam) में प्रथन पूज्य देवता है. किसी भी कार्य की शुरुआत में सबसे पहले गणेश जी की आराधना की जाती है, वहीं शनि देव भगवान को न्याय का देवता कहा गया है. लोगों को उनके कर्मों के अनुसार शनि देव फल प्रदान करते हैं.
शनि देव और गणेश जी की कथा (Shani Dev-Ganesh Ji Katha)
हिंदू धर्म में शनि देव और गणेश जी से जुड़ी बहुत सी कथाएं प्रचलित हैं. ब्रह्मवैवर्त पुराण के अनुसार, मां पार्वती (Maa Parvati) ने भगवान गणेश को जन्म दिया तो शिवलोक में भगवान शंकर और माता गौरी के पुत्र गणेश के जन्म के उत्सव (Ganesh Utsav) का आयोजन किया गया. इस उत्सव में सभी देवी-देवता बालक गणेश को आशीर्वाद देने के लिए कैलाश पहुंचे. शनि देव (Shani Dev) भी इस उत्सव में शामिल हुए. लेकिन उन्होंने बालक गणेश को आशीर्वाद नहीं दिया. बल्कि वह अपना सिर नीचे झुकाकर खड़े थे. जब माता पार्वती ने देखा कि शनि देव उनके बालक की तरफ देख भी नहीं रहे तो उन्हें बहुत हैरानी हुई.
मां पार्वती ने शनि देव से गणेश की ओर ना देखने का कारण पूछा, तब शनि देव ने बताया कि उनकी दृष्टि बालक यानि गणेश जी को हानि पहुंच सकती है. इसलिए गणेश जी की ओर देखना शनि देव का उचित नहीं होगा. मां पार्वती शनि देव की वक्री दृष्टि के श्राप के बारे में नहीं जानती थी. तब शनि देव ने मां पार्वती को अपने श्राप के बारे में बताया.
माता पार्वती (Mata Parvati) ने शनि देव को बताया कि उनके देखने से कुछ अमंगल नहीं होगा. माता पार्वती ने शनि देव से गणेश को देखने के लिए आग्रह किया, माता पार्वती रुष्ट ना हो जाएं तो उन्होंने बालक गणेश को देख लिया. लेकिन शनि देव की दृष्टि पड़ते ही बालक गणेश का सिर धड़ से अलग होकर आकाश में उड़ गया. यह देख माता पार्वती बेहोश हो गईं.
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