Shani Dev, Mahima Shani Dev Ki: शनि देव को सभी ग्रहों में विशेष स्थान प्राप्त है. शनि देव के बारे में कहा जाता है कि जिस पर भी शनि की दृष्टि पड़ती है, उसके जीवन में उथल-पुथल आरंभ हो जाती है. पौराणिक कथाओं के अनुसार शनि की दृष्टि से देवता भी नहीं बच पाते हैं.
शनि देव को ज्योतिष शास्त्र में न्याय का देवता बताया गया है. शनि कलियुग के दंडाधिकारी हैं. शनि अपनी दशा-अर्तदशा और शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या के दौरान व्यक्ति को उसके कर्माें के आधार पर शुभ-अशुभ फल प्रदान करते हैं.
इन राशियों पर है शनि की साढ़ेसाती और शनि की ढैय्या
वर्तमान समय में मिथनु और तुला राशि पर शनि की ढैय्या और धनु, मकर और कुंभ राशि पर शनि की साढ़ेसाती चल रही है. माना जाता है कि साढ़ेसाती और ढैय्या के दौरन व्यक्ति को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है.
शनि के अशुभ फल
शनि देव जब अशुभ होते हैं तो व्यक्ति को धन, दांपत्य जीवन, शिक्षा, करियर, व्यापार आदि में बहुत परेशानियां प्रदान करते हैं. व्यक्ति के प्रत्येक कार्यों में बाधा आने लगती है. व्यक्ति को मानसिक परेशानी और रोग आदि की भी समस्या होने लगती है. इसलिए शनि देव को शांत रखना बहुत ही जरूरी बताया गया है.
मकर राशि में शनि का गोचर
शनि देव इस समय मकर राशि में विराजमान हैं. लेकिन इस समय शनि वक्री अवस्था में मकर राशि में गोचर कर रहे हैं. शनि 11 अक्टूबर 2021 को वक्री से मार्गी होंगे. इसलिए ये समय उन लोगों की मुश्किलें बढ़ा सकता है, जिसकी जन्म कुंडली में शनि अशुभ स्थिति में हैं.
सावन का शनिवार
सावन का महीना बहुत ही पवित्र महीना माना गया है. ये महीना भगवान शिव को समर्पित है. सावन का महीना समाप्त होने जा रहा है. 22 अगस्त 2021 को सावन समाप्त हो रहा है. सावन में शनि देव की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है. शनि देव भगवान शिव के भक्त हैं. शनि देव ने भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए कठोर तपस्या की थी. भोलेनाथ ने ही शनि देव को नवग्रहों में न्यायाधीश की उपाधि प्रदान की है. इसलिए सावन में शनिवार के दिन शनि देव की पूजा का महत्व बढ़ जाता है. पंचांग के अनुसार 21 अगस्त को शनिवार है.
शनि के उपाय
शनि देव को शांत करने के लिए शनिवार के दिन शनि देव पर सरसों का तेल चढ़ाना चाहिए. इसके साथ ही इस दिन शनि चालीसा और शनि मंत्रों का जाप करना चाहिए. शनि देव दान देने से भी प्रसन्न होते हैं.