Shani Dev: शनि देव की पूजा शाम को कितने बजे करनी चाहिए?
Shani Dev: शनि देव की पूजा के लिए शास्त्रों में समय निर्धारित किया है. उस समय ही शनि का पूजन करना चाहिए, तभी पुण्य फल प्राप्त होता है.
Shani Dev: मानसिक, शारीरिक और आर्थिक लाभ के लिए शनिवार को न्यायकर्ता शनि देव की पूजा श्रेष्ठ मानी गई है. मान्यता है कि अच्छे कर्म करने वालों पर कभी शनि की वक्री दृष्टि नहीं पड़ती. शनि कर्म भाव का स्वामी है इसलिए शनि के शुभ प्रभाव से नौकरी और व्यवसाय में तरक्की मिलती है.
वहीं कुंडली में शनि के कमजोर और महादशा के दौरान बिजनेस में परेशानी, नौकरी का छूटना, पदोन्नति में बाधा और कर्ज आदि समस्या आती हैं. इन समस्याओं से छुटकारा पाना चाहते हैं तो विधि विधान से शनि देव की पूजा करें. शनि देव की पूजा के लिए शास्त्रों में समय निर्धारित किया है. उस समय ही शनि का पूजन करना चाहिए, तभी पुण्य फल प्राप्त होता है.
शनि देव की पूजा का सही समय (Shani Dev Puja Time)
शनिवार का दिन शनि देव को समर्पित है. शास्त्रों में शनि देव की पूजा का सही समय सूर्यास्त के बाद माना जाता है. इस समय पूजा करने से वह भक्तों पर प्रसन्न होते हैं. शनि देव की पूजा अमूमन शाम 6 बजे के बाद करनी चाहिए.
इस समय न करें शनि देव की पूजा
सूरज ढलने के बाद शनि की पूजा उत्तम मानी जाती है. शाम के समय शनि देव की पूजा के पीछे बेहद खास वजह है. शनि और सूर्य पिता पुत्र जरुर हैं लेकिन दोनों में शत्रुता है. सूर्योदय के समय सूर्य की किरणें शनि की पीठ पर पड़ती हैं. ऐसे में इस दौरान शनि देव पूजा स्वीकार नहीं करते.
शनि देव की पूजा के नियम (Shani Dev Puja Rules)
- शनि देव की पूजा करते वक्त आपका मुंह पश्चिम की तरफ होना चाहिए.
- जब भी शनि देव की पूजा करें तो लाल रंग के कपड़े पहनने से बचें. आप उनके प्रिय रंग जैसे नीले और काले वस्त्र पहन सकते हैं.
- शनि देव की पूजा करते समय उनकी आंखों में न देखें.
शनि देव के उपाय (Shani Dev Upay)
- शनि देव को प्रसन्न करने के लिए साबुत उड़द, लोहा, तेल, तिल के बीज, पुखराज रत्न, काले कपड़े आदि. इससे साढ़ेसाती और ढैय्या के अशुभ प्रभाव खत् होते हैं.
- जीवन में शांति, कार्य सिद्धि और समृद्धि के लिए शुभ शनि यंत्र की पूजा करें.
- शनि दोष के दुष्प्रभाव से बचने के लिए 7 मुखी रुद्राक्ष धारण करना लाभदायक होता है. इसे विधि विधान से धारण करें. सात मुखी रुद्राक्ष पहनते समय ॐ हूं नमः मंत्र का जाप करें.
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