Shani Dev: शनि दोष निवारण मंत्र जानें, दूर होंगी बाधाएं, आयेगा सुख
Shani Dev: शनि देव की भक्ति से जीवन से सारी मुश्किलों का निवारण हो जाता है. आइए जानते हैं शनि दोष निवारण के कुछ मंत्र जिनका जाप करने से आपकी सारी बाधाएं दूर हो जायेंगी और जीवन में सुख-शांति आयेगी.
Shani Dev: जिन लोगों को शनि दोष लग जाता है उनकी जिन्दगी परेशानी और कष्टों का घर हो जाती हैं. आए दिन वो किसी न किसी बाधा में उलझते रहते हैं और जीवन से परेशान हो जाते हैं. उनके जीवन में तरक्की के रास्ते रूक जाते हैं और उन्हें आर्थिक तंगी का सामना करना होता है. शनि के नाराज होने पर व्यक्ति के जीवन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है.
लेकिन इस से घबराने वाली कोई बात नहीं है. इस दोष को उचित विधि विधान से उतारा जा सकता है. किसी भी जातक की कुंडली में शनि दोष होने पर उसे शनि देव की पूजा-अर्चना करनी चाहिए. शनि देव को काले तिल और सरसों का तेल अर्पित करने से सभी कष्टों से छुटकारा मिलता है. शनि की महादशा चलने वाले या शनिदोष व्याप्त होने पर शनिवार के दिन शनि देव के मंत्रों का जाप करने से लाभ होगा. इससे शनि की महादशा से मुक्ति मिलती है. आइए जानते हैं कुछ ऐसे मंत्रों के बारे में जिसका जाप करने से व्यक्ति को शनि दोष से मुक्ति मिलती है और शनि देव की कृपा दृष्टि भी बनती है.
1. शनि देव का महामंत्र –
शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए उनके महामंत्र का जाप करें...
ॐ निलान्जन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम।
छायामार्तंड संभूतं तं नमामि शनैश्चरम॥
2. शनि देव का पौराणिक मंत्र –
शनिदेव को नीले रंग के फूल अर्पित कर, इस मंत्र का जाप करें कुण्डली में व्याप्त शनिदोष होगा दूर।
ऊँ ह्रिं नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम।
छाया मार्तण्डसम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्।।
3. शनि देव का वैदिक मंत्र –
शनि देव के इन मंत्रों का जाप शनि की महादशा से मुक्ति मिलती है।
ऊँ शन्नोदेवीर-भिष्टयऽआपो भवन्तु पीतये शंय्योरभिस्त्रवन्तुनः।
4. शनि देव का गायत्री मंत्र –
शनिदेव का गायत्री मंत्र सभी कष्ट और संकट दूर करता है। शनि देव को काले तिल और सरसों का तेल चढ़ा कर इस मंत्र का जाप करना चाहिए।
ऊँ भगभवाय विद्महैं मृत्युरुपाय धीमहि तन्नो शनिः प्रचोद्यात्।
ॐ शन्नोदेवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये।शंयोरभिश्रवन्तु नः।
5. स्वास्थ्य के लिए शनि मंत्र –
आरोग्य प्राप्ति के लिए और स्वास्थ्य के लिए शनि देव के इस मंत्र का जाप करना चाहिए।
ध्वजिनी धामिनी चैव कंकाली कलहप्रिहा।
कंकटी कलही चाउथ तुरंगी महिषी अजा।।
शनैर्नामानि पत्नीनामेतानि संजपन् पुमान्।
दुःखानि नाश्येन्नित्यं सौभाग्यमेधते सुखमं।।
ये भी पढ़ें - Shani Dev: शनि को तुरंत खुश करने के उपाय नहीं जानते हैं तो जान लें, जीवन में नहीं होगा बुरा
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.