Shani Dev: शनि ग्रह की अशुभता को दूर करने के लिए शनिवार का दिन सबसे उत्तम माना गया है. शनिवार के दिन शनि देव को समर्पित है. इस पूजा और शनि देव का दान करना विशेष फलदायी माना गया है. जिन लोगों की जन्म कुंडली में शनि अशुभ नहीं है वे भी इस दिन शनिदेव की पूजा कर सकते हैं. शनिवार को शनिदेवी की पूजा करना शुभ माना गया है.


शनिदेव न्याय के देवता हैं


सभी ग्रहों में शनि ग्रह को न्याय का देवता माना गया है. मान्यता है कि ये सूर्य के पुत्र हैं लेकिन पिता से इनकी नहीं बनती है. शनिदेव व्यक्ति को उसके कर्मों का फल प्रदान करते हैं अगर व्यक्ति अच्छे कर्म करता है तो शनि उसे अच्छे फल देते हैं वहीं जब व्यक्ति बुरे काम करता है तो शनि व्यक्ति को बुरे फल प्रदान करते हैं. जिन लोगों पर शनि की ढैया और साढ़े साती चल रही है उन्हें इस दिन शनिदेव की पूजा जरुर करनी चाहिए.


पूजा विधि


स्नान करने के बाद पूजा अर्चना आरंभ करनी चाहिए. शनि देव को याद करते हुए उन्हें उड़द की दाल से बनी खिचड़ी का भोग लगाना चाहिए और सरसों का तेल चढ़ाएं. शनि के मंत्र से इनकी पूजा करनी चाहिए.


शनि मंत्र




  • ॐ शं शनैश्चराय नम:, ॐ प्रां प्रीं प्रौं सं: शनिश्चराय नम: .

  • ॐ नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम। छायामार्तण्डसम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्.

  • ॐ शां शनैश्चराय नम:.

  • ॐ भूर्भुव: स्व: शन्नोदेवीरभि टये विद्महे नीलांजनाय धीमहि तन्नो शनि: प्रचोदयात्.


शनि का दान


इस दिन सरसों के तेल, उड़द और काले वस्त्रों का दान करना शुभ बताया गया है.


दुर्गा चालीसा का पाठ करने से भक्तों की हर मुराद होती है पूरी, मां दुर्गा होती हैं प्रसन्न