शनि जब भी राशि गोचर करते हैं तो किसी राशि पर शनि ढैय्या शुरू हो जाती है तो किसी पर शनि साढ़े साती. वर्तमान में शनि अपनी स्वराशि मकर में गोचर कर रहे हैं. 18 फरवरी को शनि ने अपना नक्षत्र बदला है. अब जल्द ही ये अपनी राशि भी बदलेंगे. शनि को अपनी राशि बदलने में करीब ढाई साल का समय लग जाता है. बाकी ग्रहों की तुलना में शनि गोचर की अवधि काफी लंबी है. इस तरह से शनि को अपना एक बार का राशि चक्र पूरा करने में 30 साल का समय लग जाता है. जानिए शनि कब बदल रहे हैं राशि और किन राशियों पर शुरू होगी शनि ढैय्या.
शनि का राशि परिवर्तन 29 अप्रैल 2022 में होगा. इस दौरान शनि अपनी स्वराशि कुंभ में प्रवेश करेंगे. इस राशि में शनि के प्रवेश करते ही कई राशि वालों की जिंदगी में बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे. ज्योतिष नजरिए से शनि का ये गोचर खास रहने वाला है क्योंकि शनि कुंभ राशि में मजबूत स्थिति में रहेंगे. इस गोचर से सबसे अधिक कष्ट कुंभ राशि वालों को ही पहुंचेगा क्योंकि इस राशि पर शनि साढ़े साती का दूसरा चरण जो रहेगा. ज्योतिष अनुसार शनि साढ़े साती का ये चरण सबसे ज्यादा कष्टदायी माना जाता है.
शनि के कुंभ राशि में प्रवेश करते ही कर्क और वृश्चिक वालों पर शनि ढैय्या शुरू हो जाएगी. वहीं मिथुन और तुला जातक इसके प्रभाव से मुक्त रहेंगे. लेकिन कुछ ही समय बाद इन दोनों राशियों के जातक फिर से शनि ढैय्या की चपेट में आ जायेंगे तो वहीं कर्क और वृश्चिक वालों को कुछ समय के लिए राहत मिल जाएगी. बता दें कि शनि 5 जून को वक्री होंगे और 12 जुलाई से मकर राशि में दोबारा से गोचर शुरू कर देंगे. जिस कारण जो राशियां शनि की दशा से मुक्त हो चुकी होंगी वो फिर से इसकी दशा की चपेट में आ जायेंगे. शनि 12 जुलााई से 17 जनवरी 2023 तक मकर राशि में रहेंगे. इसके बाद कुंभ राशि यानी अपनी गोचर राशि में वापस लौट आएंगे.
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