Shani Jayanti 2020: शनि के प्रकोप से पीड़ित व्यक्तिओं के लिए शनि जयंती का दिन बहुत ही खास है. 22 मई को शनि जयंती है. इस दिन पंचांग के अनुसार अमावस्या की तिथि है. ज्येष्ठ मास में कृष्ण पक्ष की अमावस्या को शनि जयंती मनाई जाती है. इस दिन शनि देव का जन्म हुआ था.
शनि सूर्य के पुत्र हैं और इनकी माता का नाम छाया है. लेकिन शनि देव का अपने पिता यानि सूर्य से बैर है. शनि देव को न्याय प्रिय ग्रह माना गया है. जन्म कुंडली में शनि जब अशुभ स्थिति में होते हैं तो व्यक्ति को कई तरह के कष्ट देते हैं. जीवन संकटों से भर देते हैं.
शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या
शनि की ये दोनों ही अवस्थाएं बहुत ही पीड़ादायी होती हैं. एक तरह से मृत्युतुल्य कष्ट प्रदान करते हैं. इसलिए शनि को प्रसन्न रखना और उनका आर्शीवाद पाना बहुत जरुरी हो जाता है.
इन राशियों पर शनि की नजर
शनि इस समय व्रकी हैं. यानि शनि की चाल उल्टी है. शनि जब वक्री होते हैं तो मुश्किलें बढ़ा देते हैं. वहीं मिथुन और तुला राशि पर शनि की ढैय्या और धनु,मकर और कुंभ राशि पर साढ़ेसाती चल रही है.
शनि के उपाय
शनि जयंती के दिन शनि देव की पूजा करने से लाभ मिलता है. इस दिन विधि पूर्वक पूजा और व्रत रखकर शनि की अशुभता को दूर करने में मदद मिलती है. शनि की अशुभता दूर करने के लिए शनिवार के दिन हनुमान चालीसा का पाठ करें, दीपक जलाएं. शनि के नामों का जाप करने से भी लाभ मिलता है. काली उड़द का दान करें. किसी को न सताएं. दरिद्रनारायण की सेवा करें.
इस मंत्र का जाप करें- ऊँ शं शनैश्चराय नम: