(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Shani Dev: भगवान शिव की शनि देव ने की थी तपस्या, प्रसन्न होकर दिया था ये वरदान, भूलकर भी न करें ये काम, शनि देव नाराज़ होते हैं
शनि जयंती( Shani Jayanti) 10 जून, गुरुवार को है. यह दिन शनि देव को समर्पित है.शिव जी (Lord Shiva) को प्रसन्न करने के लिए शनि देव ने कठोर तपस्या की थीशनि देव (Shani Dev) को भगवान शिव ने विशेष वरदान दिया था.
Shani Jayant 2021: शनि जयंती का दिन विशेष है. इस दिन सूर्य ग्रहण लग रहा है. ऐसा संयोग पंचांग के अनुसार 148 वर्ष बाद बन रहा है. शनि देव सूर्य के पुत्र हैं. जिस दिन सूर्य पर ग्रहण लग रहा है, उसी दिन शनि देव का जन्म दिवस मनाया जा रहा है.
सूर्य देव से नाराज होकर की थी शिवजी की तपस्या
शनि देव भगवान शिव भक्त हैं. पौराणिक मान्यता के अनुसार शनि देव का जन्म महाराष्ट्र के शिंगणापुर स्थान पर हुआ था. शनि स्त्रोत में शनि को ग्रहों का राजा बताया गया है. ज्योतिष शास्त्र में शनि को विशेष दर्जा प्राप्त है. पौराणिक कथा के अनुसार एक बार सूर्य देव अपनी पत्नी छाया के पास पहुंचे तो सूर्य के प्रकाश और तेज से उनकी पत्नी छाया ने आंखें बंद कर लीं. उनके इस व्यवहार से छाया को श्यामवर्ण पुत्र शनि देव की प्राप्ति हुई. शनि देव का यह रंग रूप देखकर सूर्य देव ने छाया पर गंभीर आरोप लगाया कि ये मेरा पुत्र नहीं है. इस बात से शनि देव बहुत दुखी और नाराज हो गए.
भगवान शिव ने दिया ये वरदान
मां और अपने साथ पिता द्वारा किए गए इस बर्ताव से शनि देव बहुत क्रोधित हुए और इसी के चलते उन्होंने शिव जी की घोर तपस्या की. शनि देव की कठोर तपस्या से शिव जी प्रसन्न हुए और वरदान मांगने के लिए कहा तब शनि देव ने कहा कि युगों-युगों से मेरी मां छाया की पराजय होती रही है. मेरी मां को पिता सूर्य ने लगातार परेशान ही किया है. इसलिए मैं चाहता हूं कि मैं अपने पिता से ज्यादा पूज्य बनूं और जिससे उनका अहंकार टूट जाए. भगवान शिव ने शनि देव की बात को सुनकर वरदान दिया कि आज से शनि को सभी ग्रहों में श्रेष्ठ माना जाएगा. भगवान शिव ने शनि देव को पृथ्वी का न्यायाधीश नियुक्त किया. तब से शनि देव लोगों को उनके कर्मों के आधार पर फल प्रदान करते आ रहे हैं.
इन कामों को करने से शनि नाराज होते हैं
शनि देव का आशीर्वाद चाहिए तो कुछ कार्य भूलकर भी नहीं करना चाहिए.
- कमजोर व्यक्तियों को कभी नहीं सताना चाहिए.
- स्त्रियों पर अत्याचार करने वालों को शनि कठोर दंड प्रदान करते हैं
- परिश्रम करने वालों का कभी अपमान नहीं करना चाहिए.
- अपने अधिकारों का प्रयोग दूसरों का अहित करने के लिए नहीं करना चाहिए.
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