Shani Ki Sadhesati: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस समय न्याय के देवता शनि, मकर राशि में विराजमान हैं और वे इस वर्ष अपना राशि परिवर्तन भी नहीं करेंगें. शनि देव के मकर राशि में विद्यमान होने के कारण धनु, मकर और कुंभ राशि के जातकों पर शनि की साढ़े साती चल रही है. इन राशियों को शनि की साढ़े साती से छुटकारा तभी मिल सकती हैं. जब शनि देव का राशि परिवर्तन होगा.
ज्योतिष के मुताबिक़ शनि एक राशि में ढाई साल तक रहते हैं और ये अन्य 5 राशियों पर अपना प्रभाव डालते हैं. जैसा कि ज्ञात है, इस साल शनि देव मकर राशि में गोचर कर रहें हैं जिसके चलते मकर राशि के अलावा धनु और कुंभ राशि पर शनि की साढ़े साती का प्रभाव चल रहा है. इसके अलावा तुला और मिथुन राशि के जातक शनि की ढैय्या के चपेट में हैं.
कब होगा शनि का राशि परिवर्तन
ज्योतिष के मुताबिक़, शनि देव मकर राशि में 29 अप्रैल 2022 तक रहेंगें. इसी दौरान शनि मकर राशि को छोड़कर कुंभ राशि में प्रवेश करेंगें. शनि देव कुंभ राशि के स्वामी ग्रह हैं. 12 जुलाई तक शनि देव कुंभ राशि पर संचार करेंगें और कुछ समय बाद ये अपनी राशि बदलेंगे. अपनों वक्री चाल के कारण ये (शनि देव) पुनः 12 जुलाई 2022 से 17 जनवरी 2023 तक मकर राशि में संचार करेंगें. उसके बाद शनि अपनी उलटी चाल से 17 जनवरी 2023 को फिर कुंभ राशि में गोचर करेंगें.
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, शनि के 17 जनवरी 2023 को कुंभ राशि में गोचर से धनु राशि के जातक को शनि की साढ़े साती से पूरी तरह साल 2023 में मुक्ति मिल सकती है.
कुंभ राशि में शनि का गोचर-
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शनि का कुंभ राशि में प्रवेश करते ही शनि की साढ़े साती का असर मीन राशि वालों पर दिखाई देना शुरू होगा. मकर व कुंभ राशि वालों पर भी शनि की साढ़े साती का असर रहेगा.
शनि साढ़े साती से कब होगी शुरू?
साल 2022 में मीन राशि के जातकों पर और साल 2025 में मेष राशि वालों पर और साल 2027 में वृषभ वालों पर शनि साढ़े साती शुरू हो जाएगी. वहीं कुंभ राशि वाले 3 जून 2027 से शनि की साढ़े साती से मुक्ति मिल जाएगी.