Shani Shingnapur Temple in Maharashtra: संस्कृति और इतिहास से समृद्ध राज्य महाराष्ट्र में कई प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिर हैं. दुनियाभर में लोग महाराष्ट्र के इन मंदिरों के दर्शन करने और आध्यात्मिक समृद्धि का अनुभव करने आते हैं.


महाराष्ट्र में ऐसा ही शनि देव का भी एक मंदिर है. यहां शनि देव की स्वयंभू शिला है. इसका नाम है शनि शिंगणापुर. शनि देव का यह मंदिर महाराष्ट्र राज्य के अहमदनगर जिले के एक गांव में है.इस मंदिर को लेकर कई मान्यताएं और महत्व जुड़े हैं. खास बात तो यह है कि, यहां एक शिला को शनि देव का रूप मानकर इसकी पूजा की जाती है. मान्यता है कि यहां दर्शन मात्र से ही शनि दोष दूर होते हैं और शनि देव की कृपा प्राप्त होती है.


आस्था का प्रमुख धाम है शनि शिंगणापुर


वैसे तो देशभर में शनि महाराज के कई मंदिर हैं, उन्हीं में एक है शनि शिंगणापुर मंदिर. यहां स्थित शनि देव की पाषाण मूर्ति बगैर किसी छत या गुबंद के खुले आसमान के नीच एक संगमरमर के बने चबुतरे पर विराजमान हैं. शनि देव के इस मंदिर को भक्तों की आस्था का प्रमुख धाम कहा जाता है और यहां हर दिन हजारों की संख्या में भक्त आते हैं. विशेषकर शनिवार और शनि जयंती के दिन मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ रहती है.


यहां शनि देव की मूर्ति नहीं बल्कि 5 फीट ऊंची 9 इंच ऊंची और एक फीट चौड़ा बड़ा सा काला पत्थर है, जिसे भगवान शनि का विग्रह रूप माना जाता है. यहां शनि देव की शक्ति और माया पर गांव वालों को इतना भरोसा है कि आज भी यहां के गांव में लोग दरवाजे पर ताला नहीं लगाते, क्योंकि गांव वालों का मानना है कि, यहां गांव वालों की रखवाली स्वयं शनि देव करते हैं और यहां चोरी नहीं हो सकती. यदि किसी ने चोरी करने का प्रयास भी किया तो शनि देव उसे दंड जरूर देंगे.


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