Shani Dev: ये कुछ आसान उपाय संकट से निकालते हैं बाहर, बरसती है शनि की कृपा
Shaniwar Upay: शनि देव की पूजा से सारे संकट समाप्त हो जाते हैं. कुछ आसान से उपाय करने से शनि देव की कृपा बरसती है. ये उपाय हर मुसीबत से बाहर निकालने का काम करते हैं.
Shani Dev Puja: शनिवार का दिन शनि देव को समर्पित होता है. इस दिन शनि देव को प्रसन्न करने के तरह-तरह के उपाय किए जाते हैं. शनि देव को न्याय का देवता कहा जाता है. अच्छे कर्म करने वाले व्यक्ति को शनि अच्छे फल देते हैं. वहीं, बुरे कर्म करने वाले को दंडित करते हैं.
शनि देव की पूजा उपासना करने से व्यक्ति के जीवन में सभी दुख समाप्त हो जाते हैं. कुछ आसान से उपाय करने से शनि देव की कृपा बरसती है. ये उपाय हर संकट से बाहर निकालने का काम करते हैं. आइए जानते हैं इन उपायों के बारे में.
इन उपायों से मिलेगी शनि देव की कृपा
- अगर शनि देव की कुदृष्टि हो तो व्यक्ति को दोनों समय भोजन में काला नमक और काली मिर्च का प्रयोग करना चाहिए. शनिवार के दिन बंदरों को भुने हुए चने खिलाने से लाभ होता है. इसके साथ ही मीठी रोटी पर तेल लगाकर काले कुत्ते को खाने को देने से भी शनि की बुरी नजर से बचाव होता है.
- शनि की अशुभ दशा चल रही हो तो शनिवार के दिन मांस-मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए. हर दिन पूजा करते समय महामृत्युंजय मंत्र ॐ नमः शिवाय का जाप करें शनि के दुष्प्रभावों से मुक्ति मिलती है.
- घर के किसी अंधेरे भाग में किसी लोहे की कटोरी में सरसों का तेल भरकर उसमें तांबे का सिक्का डालकर रखें. इससे शनि की दशा सुधरती है.
- शनि की ढैया चल रही हो तो शुक्रवार की रात्रि में 8 सौ ग्राम काले तिल पानी में भिगो दें और शनिवार को प्रातः उन्हें पीसकर एवं गुड़ में मिलाकर 8 लड्डू बनाएं और इसे किसी काले घोड़े को खिला दें. आठ शनिवार तक यह प्रयोग करने से शनि की कृपा होती है.
- शनि के दुष्प्रभाव को दूर करने के लिए शनिवार के दिन काली गाय की सेवा करनी चाहिए. इसके लिए पहली रोटी उसे खिलाएं, सिंदूर का तिलक लगाएं, सींग में मौली बाधें और फिर लड्डू खिलाकर प्रणाम करें.
- हर शनिवार को वट और पीपल वृक्ष के नीचे सूर्योदय से पूर्व सरसों तेल का दीपक जलाकर यहां शुद्ध कच्चा दूध और धूप अर्पित करें. शनिवार के दिन अपने हाथ के नाप का काला धागा लेकर उसे माला की तरह गले में पहनें.
- अगर शनि की साढ़ेसाती से ग्रस्त हैं तो शनिवार को अंधेरा होने के बाद पीपल पर मीठा जल अर्पित करें. इसके बाद सरसों के तेल का दीपक और अगरबत्ती लगाएं फिर वहीं बैठकर हनुमान, भैरव और शनि चालीसा का पाठ करें. इससे शनि देव शीघ्र प्रसन्न होते हैं.
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