Shani Vakri 2020: शनि को राशि चक्र पूरा करने में तीस वर्ष का समय लगता है. शनि हर ढाई साल में एक राशि से दूसरी राशि में गोचर करते हैं. शनि एक न्याय प्रिय ग्रह है. शनि व्यक्ति को उसके कर्मों के आधार पर इसी जन्म में फल प्रदान करते हैं. जैसे व्यक्ति अच्छे कार्य करता है तो शनि शुभ फल प्रदान करेंगे वहीं अगर बुरे कर्म करने वाला कोई व्यक्ति है तो शनि उसे अशुभ फल देते हैं.
11 मई को शनि बदलने जा रहे हैं अपनी चाल
शनि 11 मई 2020 से अपनी चाल बदल रहे हैं. इस दिन से शनि वक्री यानि उल्टी चाल चलेंगे. शनि जब उल्टी चाल चलते हैं तो इसके परिणाम अच्छे नहीं माने जाते हैं. इससे उन लोगों की परेशानियां बढ़ जाती है जिनकी जन्म कुंडली में शनि अशुभ हैं या फिर उन पर साढ़ेसाती और ढैय्या हो.
142 दिनों तक शनि रहेंगे वक्री
शनि 11 मई के बाद 142 दिनों के लिए व्रकी होंगे. शनि 29 सितंबर 2020 से मार्गी होंगे. इसके बाद शनि की अशुभता कम होगी. इस समय शनि मकर राशि में विराजमान हैं.
इन बातों का रखें ध्यान
शनि व्रकी होने का सभी राशियों पर प्रभाव पड़ेगा. खासतौर पर उन लोगों पर जिनके काम अधूरे पड़े हैं. ऐसे में जिन लोगों के काम अधूरे हैं वे 11 मई से पहले- पहले इन कामों को पूर्ण कर लें, नहीं तो शनि परेशानी पैदा कर सकते हैं.
मकर, कुंभ और धनु पर है साढ़ेसाती
मकर, कंभ और धनु राशि वालों पर शनि के व्रकी होने का सीधा प्रभाव पड़ेगा. इन राशि के जातकों को शनि के उपाय अभी से आरंभ कर देना चाहिए. शनि के प्रभाव को कम करन बहुत ही आवश्यक है नहीं तो शनि व्यक्ति को हर तरह से परेशान करने की कोशिश करें.
मिथुन और तुला पर चल रही है शनि की ढैय्या
शनि की उल्टी चाल से मिथुन और तुला राशि वाले भी सावधान रहें. शनि को प्रसन्न के करने के लिए प्रयास शुरू कर देने चाहिए. शनि जब अशुभ होते हैं तो व्यक्ति तन-मन और धन तीनों से परेशान करने लगते हैं. इसलिए शनि को सरसों के तेल का दान और हनुमान जी की पूजा प्रारंभ कर देनी चाहिए.
11 मई से शनि हो रहे हैं वक्री, इन राशियों के बढ़ने जा रही हैं परेशानियां