ज्योतिष शास्त्र में सभी ग्रहों में शनि ग्रह (Shani Grah) को सबसे क्रूर माना गया है. शनिदेव (Shani Dev) को सभी ग्रहों में न्यायधीश और कर्मफलदाता की उपाधी प्राप्त है. व्यक्ति के अच्छे-बुरे कर्मों का हिसाब शनिदेव रखते हैं और उन्हीं के मुताबिक व्यक्ति को शुभ-अशुभ फल मिलते हैं. शनि की क्रूर दृष्टि से इंसान ही नहीं देवता भी डरते हैं. शनि की क्रूर दृष्टि जब व्यक्ति पर पड़ती है, तो उसे तबाह कर देती है. इतना ही नहीं, शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या के चलते उसे कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है.
शनिदेव ने भगवान शिव की पूजा (Bhagwan Shiv Puja) की थी, जिससे प्रसन्न होकर शिव जी (Shiv Ji) ने उन्हें सभी ग्रहों में विशेष स्थान दिया था. मान्यता है कि शनिदेव (Shani Dev) की कुदृष्टि से बचने के लिए महाशिवरात्रि के दिन शिव जी की पूजा करने से शनि शांत हो जाता है आइए जानें.
इन राशियों पर होती है शनि की विशेष कृपा
ज्योतिष अनुसार मिथुन, तुला, धनु, मकर और कुंभ राशि शनिदेव की विशेष दृष्टि होती है. इन राशियों को कोई भी ऐसा कार्य नहीं करना चाहिए जिससे शनिदेव नाराज होकर बुरे फल दें.
शनिदेव को यूं करें शांत
1 मार्च को फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की महाशिवरात्रि (Mahashivratri 2022) है. धार्मिक ग्रंथों के अनुसार शनिदेव सिर्फ भगवान शिव की पूजा (Lord Shiva) से ही शांत होते हैं. इतना ही नहीं, शनिदेव हनुमान जी (Hanuman Ji) और कालभैरव की पूजा (Kaal Bhairav Puja) करने से भी शांत हो जाते हैं. शनिदेव को शांत करने के लिए महाशिवरात्रि का दिन उत्तम माना गया है. शाम के समय शनिदेव की पूजा (Shani Dev Puja) करने से शनि से जुड़े दोष कम होते हैं. इस दिन शिव मंदिर में शिव चालीसा का पाठ (Shiv Chalisa Path) करें.
इन कार्यों से नाराज होते हैं शनिदेव
कुछ कार्य करने से शनिदेव नाराज हो जाते हैं और शनि की महादशा, साढ़ेसाती (Shani Sade Sati) और ढैय्या (Shani Dhaiya) के दौरान व्यक्ति को कठोर दंड देने का कार्य करते हैं. इसलिए शनि को प्रसन् रखने के लिए कमजोर और परिश्रम करने वाले व्यक्ति को कभी सताएं नहीं. वहीं, ऐसे लोगों का कभी अनादर भी नहीं करें. गलत और अनैतिक कार्यों को करने से बचें. क्योंकि इन सब कार्यों से शनि नाराज हो जाते हैं.
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