Shanivaar Upay: शनि की साढ़े-साती से परेशान हैं, तो करें काली तुलसी की माला से इस मंत्र का जाप
Shanivaar Upay: शनिवार के दिन शनि देव की पूजा करने का विधान है. अगर किसी पर शनि देव की साढ़े साती या शनि की ढय्या का प्रकोप है तो तुलसी की माला से बोला गया ये मंत्र आपको शनि प्रकोप से मुक्ति दिलाएगा.
Shani Dev, Shanivaar Upay: शनिवार का दिन शनि पूजा को समर्पित है. इस दिन शनि पूजा का विधान है. माना गया है कि अगर इस दिन आप पूरे विधि-विधान के साथ शनिदेव की पूजा-अर्चना करेंगे तो आप की सभी मनोकामनाएं शनिदेव पूरी करेंगे.
लेकिन अगर शनिदेव आपसे रुठे हैं तो उन्हें मनाना इतना आसान काम नहीं. जिन लोगों पर शनि का प्रकोप होता है उनकों अपने जीवन में बहुत सी मुश्किलों और कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है.
लेकिन हमें शनिदेव से डरना नहीं चाहिए बल्कि हमें उनके उपाय ढूंढ़ने चाहिए, अगर शनिदेव आपसे रुष्ट हो गए हैं तो आप शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए कई उपाय भी कर सकते हैं.
कैसे करें शनिदेव को प्रसन्न (Shanidev ko karen prasaan)
शनिदेव को प्रसन्न करना आसान बात नहीं , अगर किसी पर शनि की ढय्या चल रही हो, या शनि की साढ़े-साती हो तो उसे पूरी विधि से करें मंत्र जाप करें
- शनिवार की शाम को स्नान आदि करने के बाद घर के किसी साफ स्थान पर शनिदेव की मूर्ति स्थापित करें.
- शनिदेव को नीले फूल, काला कपड़ा, काली उड़द और काले तिल चढ़ाएं.
- शनिदेव को मीठी पुरी का भोग भी लगाएं.
- अब काली तुलसी की माला से ऊँ शं शनैश्चराय नम: मंत्र का जाप 108 बार करें.
शनि बीज मंत्र-
ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः।
सामान्य मंत्र-
ॐ शं शनैश्चराय नमः।
शनि गायत्री मंत्र-
ऊँ भगभवाय विद्महैं मृत्युरुपाय धीमहि तन्नो शनिः प्रचोद्यात्
काली तुलसी की माला (Kali Tulsi ki Mala)
काली तुलसी की माला के जाप से शनिदेव प्रसन्न होते हैं और आपकी सभा परेशानियों को दूर करते हैं. काली तुलसी की माला से जाप करने से और उसे धारण करने से मन में शांति का अनुभव होता है और समस्या का समाधान स्वयं ही नजर आने लगता है. माना जाता है कि अगर शनिदेव के मंत्रों का जाप पूरे विधि-विधान से किया जाए तो परेशानियां कुछ हद तक कम हो सकती हैं.
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.