Shanivar Vrat: शनिवार व्रत किस देवता के लिए रखा जाता है, बड़े काम आएगा यह व्रत, जानें विधि, लाभ और नियम
Shanivar Vrat: शनिवार व्रत बहुत ही लाभकारी माना जाता है. इस दिन व्रत रखकर शनि देव (Shani Dev) की पूजा करने से जीवन भय और कष्टों से मुक्त हो जाता है. लेकिन इस व्रत को करने के कुछ विशेष नियम होते हैं.
Shanivar Vrat: हिंदू धर्म (Hindu Dharma) में पूजा-पाठ (Puja-Path) के साथ ही व्रत और उपवास का भी विधान है. सप्ताह का हर दिन किसी न किसी देवता को समर्पित है और उसी अनुसार व्रत भी रखे जाते हैं.
जैसे सोमवार का दिन भगवान शिव (Lord Shiva) को समर्पित है और इसलिए इस दिन भगवान शिव के लिए व्रत रखने का विधान है. इसी प्रकार मंगलवार को हनुमान जी (Hanuman ji) का व्रत, शुक्रवार को वैभव लक्ष्मी व्रत (Lakshmi ji) आदि रखे जाते हैं.
शनिवार का दिन न्याय और कर्मप्रधान शनि देव (Shani Dev) को समर्पित है. शनिवार के दिन भगवान शनि की पूजा-अराधना के लिए बहुत शुभ होता है. ऐसे में शनिवार का व्रत भी शनि देव के लिए रखा जाता है. शनिवार के दिन व्रत रखकर शनि देव की पूजा करने से जीवन में चल रही समस्याओं से मुक्ति मिलती है. खासकर जिन लोगों पर शनि की साढ़ेसाती (Sadesati) या ढैय्या चल रही होती है,उन्हें शनिवार के दिन व्रत जरूर रखना चाहिए.
लेकिन शनिवार व्रत के कुछ विशेष नियम होते हैं, जिसका पालन जरूर करें. इन नियमों को ध्यान में रखते हुए शनि महाराज की उपासना करने से समस्या परेशानियों से मुक्ति मिलती है और व्यक्ति को किसी प्रकार का भय नहीं सताता.
शनिवार व्रत कैसे शुरू करें? (How to Start Saturday Fast)
अगर आप शनिवार के दिन व्रत रखना चाहते हैं तो इसकी शुरुआत सावन महीने में करना सबसे अच्छा माना जाता है. इसके अलावा आप किसी भी महीने के शुक्ल पक्ष के शनिवार के दिन से व्रत की शुरुआत कर सकते हैं. इस व्रत को शुरू करने के बाद कम से कम 7 शनिवार व्रत जरूर करें.
शनिवार व्रत पूजन विधि (Shaniwar Vrat Puja Vidhi)
शनिवार के दिन व्रत रखने वाले जातकों को सुबह जल्दी उठकर स्नान करना चाहिए और व्रत का संकल्प लेना चाहिए. इसके बाद मंदिर जाकर शनि देव की पूजा करें. ध्यान रखें घर पर शनि देव की प्रतिमा स्थापित नहीं की जाती है. इसलिए शनि महाराज की पूजा हमेशा शनि मंदिर में ही करें.
शनि देव को पंचामृत से स्नान कराने के बाद काले वस्त्र, काले तिल, फूल और भोग आदि अर्पित कर सरसों तेल का दीप जलाएं. इसके बाद शनि चालीसा (Shani Chalisa) या शनि मंत्रों (Shani Mantra) का जाप करें. शनि देव की पूजा के बाद अनजाने में हुई गलतियों से लिए क्षमा जरूर मांगें.
शनिवार व्रत के नियम (Shaniwar Vrat Rules)
शनिवार का व्रत रखने वालों को या शनिवार के दिन शनि देव की पूजा करने वालों को तामसिक भोजन नहीं करना चाहिए. साथ ही मदिरापान या नशीली चीजों का सेवन भी नहीं करना चाहिए.
शनिवार का व्रत रखने वाले लोग इस बात का ध्यान रखें कि इस दिन किसी का अपमान न करें, झूठ न बोले और धोखा न दें. ऐसा करने से व्रत का फल नहीं मिलेगा. बल्कि शनि देव इन गलितयों के लिए आपको दंडित भी कर सकते हैं.
शनिवार व्रत के लाभ (Saturday Vrat Benefits)
शनिवार के दिन व्रत रखने वालों को कष्टों से मुक्ति मिलती है. कुंडली में चल रही साढ़ेसाती और ढैय्या (Shani Dhaiya) का प्रभाव कम होता है और घर पर सुख-समृद्धि का आगमन होता है.
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