Sharad Purnima 2020: हिन्दू धर्म में आश्विन मास की शरद पूर्णिमा का ख़ास महत्त्व है. इसलिए भक्त जन इसकी सही तिथि के बारे में हमेशा जानने का प्रयास करते रहते हैं. ऐसे में इस बार शरद पूर्णिमा की सही तारीख का और भी महत्त्व हो जाता है क्योंकि इस बार शरद पूर्णिमा दो दिन पड़ा रही है. इस स्थित्ति में भक्त जन किस दिन अपना व्रत रखें और पूजा करें? इस कंफ्यूजन को दूर करने के लिए बतादें कि इस बार शरद पूर्णिमा तिथि 30 अक्टूबर को शाम को 5.45 से लग रही है और 31 अक्टूबर को रात 8 बजे खत्म हो जाएगी, इसलिए शरद पूर्णिमा का व्रत 31 अक्टूबर को रखा जाएगा. वहीं स्नान, दान और कथा शुक्रवार को यानी कि 30 अक्टूबर ही करना शुभ रहेगा.
कब है शरद पूर्णिमा
- शरद पूर्णिमा तिथि प्रारंभ : 30 अक्टूबर को शाम 05 बजकर 45 मिनट तक
- शरद पूर्णिमा तिथि समाप्त: 31 अक्टूबर को रात 08 बजकर 18 मिनट तक
इस बार शरद पूर्णिमा शुक्रवार -शनिवार दोनों दिन है. इस लिए धन और वैभव के लिहाज से यह बहुत ही शुभ योग है. शरद पूर्णिमा को कोजागरी पूर्णिमा भी कहते हैं. इस लिए इस दिन महालक्ष्मी की पूजा भी की जाती है. इसमें भगवान विष्णु और लक्ष्मी की पूजा से बहुत ही शुभ लाभ प्राप्त होता है. यही नहीं इस बार इस दिन सर्वार्थसिद्धि योग भी बन रहा है जो बहुत ही उत्तम योग है.
पौराणिक कथा
हिन्दू धर्म ग्रंथो का मानना है कि समुद्र मंथन में अश्विन महीने की पूर्णिमा पर महालक्ष्मी प्रकट हुईं. इसी वजह से इस दिन महालक्ष्मी की पूजा की जाती है. इस दिन महालक्ष्मी रात्रि में विचरण करती हैं इस लिए इस दिन जो रात में जगकर लक्ष्मी जी को याद करता है. उसकी सारी मुरादें पूरी होती हैं.