कहते हैं मां लक्ष्मी को प्रसन कर लिया जाए तो सफलता का मार्ग खुल जाता है. मनुष्य आर्थिक तरक्की करता है और उसका जीवन ऐश्वर्य, वैभव से गुज़रता है. ऐसे में अगर आप भी करना चाहते हैं देवी को प्रसन्न और पाना चाहते हैं उनका आशीर्वाद तो उनके जन्मदिन से बेहतर और भला कौन सा दिन होगा. यूं तो शुक्रवार का दिन मां लक्ष्मी की उपासना के लिए बेहद ही खास होता है लेकिन अगर शरद पूर्णिमा(Sharad Purnima) के दिन मां को प्रसन्न कर लिया जाए तो फिर जीवन में आपको कभी भी पीछे मुड़कर देखने की ज़रुरत नहीं होगी. 


जी हां… मां लक्ष्मी का जन्मदिन शरद पूर्णिमा के दिन ही माना जाता है. जो सभी पूर्णिमा में सबसे ज्यादा खास मानी जाती है. चलिए बताते हैं इस शुभ दिन के बारे में कुछ विशेष बातें


इस बार कब है महालक्ष्मी का जन्मदिन?


देवी लक्ष्मी का जन्मदिन शरद पूर्णिमा के दिन माना जाता है. समुद्र मंथन के दौरान इसी दिन देवी लक्ष्मी प्रकट हुई थीं. इसीलिए इस दिन को लक्ष्मी जयंती(Lakshmi Jayanti) भी कहा जाता है. और इस बार यह पूर्णिमा 31 अक्टूबर को है जो विशेष फलदायी मानी गई है. इस दिन देवी लक्ष्मी की पूजा का कई गुना फल प्राप्त किया जा सकता है. अश्विनी मास की पूर्णिमा को ही शरद पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है. 


इस दिन पृथ्वी लोक पर भ्रमण करती हैं देवी लक्ष्मी


मान्यता है कि शरद पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी पृथ्वी लोक पर आती हैं और यहां भ्रमण करती हैं. इसीलिए इस पूर्णिमा की रात को लोग सोकर नहीं बिताते बल्कि जागरण करते हुए मां लक्ष्मी की उपासना में वक्त बिताते हैं ताकि जब भी मां लक्ष्मी उनके घर में आएं तो वे उनकी कृपा प्राप्त करने से वंचित ना रह पाएं.


चांद की चांदनी तले रखी जाती है खीर


कहते हैं इस दिन चांद की किरणों से अमृत बरसता है, इस दिन चंद्रमा 16 कलाओं से परिपूर्ण होता है  और इसीलिए इस रात को खीर बनाकर चांद की रोशनी में रखने की परंपरा है. ताकि किरणों से अमृत्व के कुछ अंश खीर में मिल सके. और फिर बाद में उस खीर को परिवार के सभी सदस्य प्रसाद के रूप में ग्रहण करते हैं. माना जाता है कि इस खीर को खाने से मनुष्य के तमाम रोग खत्म होते हैं. खासतौर से पित्त व कफ की समस्या में विशेष लाभ मिलता है. 


कर सकते हैं ये उपाय


शरद पूर्णिमा का महत्व तो आप जान ही गए होंगे। ऐसे में इस दिन मां लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त करनी हो तो कुछ खास उपाय किए जा सकते हैं. जिसके मुताबिक - 




  • इस दिन श्री सूक्त पाठ करें, कनकधारा स्तोत्र का पाठ भी किया जा सकता है, इसके अलावा विष्णु सहस्त्रनाम का जाप करें.

  • इस दिन मां लक्ष्मी को सफेद रंग का कमल का फूल, चांदी, चमेली का इत्र व शहर अर्पित करते हुए पूजा करनी चाहिए. 

  • जब मां लक्ष्मी की पूजा संपन्न हो जाए तो एक पतले से कागज़ पर श्रीं और ह्नीं बीज लिखकर आटे में मिलाकर मछलियों को खिला देना चाहिए