Shardiya Navratri 2024: शारदीय नवरात्रि का पर्व हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है. नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा की विशेष पूजा होती है. प्रथम दिन यानि प्रतिपदा की तिथि को कलश स्थापना से नवरात्रि का पर्व आरंभ होता है.


लेकिन इस बार कुछ ऐसे संकेत मिल रहे हैं जो देश-दुनिया के लिए शुभ नहीं कहे जा सकते हैं. इस बार 2 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण (Surya Grahan) लग रहा है. पंचांग अनुसार 3 अक्टूबर 2024 को शारदीय नवरात्रि (Shardiya Navratri) का पर्व आरंभ हो रहा है. 


विशेष बात ये है कि इस बार मां पालकी पर सवार (mata ki sawari) होकर आ रही हैं. नवरात्रि (Navratri) में मां की सवारी से आने वाले भविष्य का पता चलता है.मां दुर्गा की सवारी या वाहन से शुभ-अशुभ संकेत ज्ञात करने की परंपरा पुरानी रही है. मां की सवारी (Mata Ki Sawari) का निर्धारण दिन यानि वार के अनुसार होता है. 


ज्योतिष ग्रंथ और देवीभाग्वतपुराण में माता की सवारी (mata ka vahan) का वर्णन मिलता है. इस श्लोक के माध्यम से माता की सवारी की जानकारी मिलती है-


शशि सूर्य गजरुढा शनिभौमै तुरंगमे।
गुरौशुक्रेच दोलायां बुधे नौकाप्रकीर्तिता॥ 


इस श्लोक के अनुसार नवरात्रि (Navratri) जब सोमवार या रविवार के दिन से प्रारंभ हो तो मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आती हैं. शनिवार और मंगलवार के दिन कलश स्थापना हो तो मां अश्व यानी घोड़े से आती हैं. गुरुवार और शुक्रवार से शुरुआत हो तो मां दुर्गा का वाहन डोली या पालकी होती है. वहीं बुधवार से नवरात्रि प्रारंभ हो तो मां दुर्गा का नाव से आती हैं.


शारदीय नवरात्रि (Shardiya Navratri) का पर्व 3 अक्टूबर 2024,गुरुवार यानि बृहस्पतिवार से हो रहा है. गुरुवार से शुरू होने के कारण इस वर्ष मां डोली पर सवार होकर आ रही हैं. देवीभाग्वतपुराण के अनुसार जब की सवारी डोली या पालकी होती है तो आने वाले समय को लेकर शुभ नहीं माना जाता है.


मान्यता है कि नवरात्रि (Navratri) में मां दुर्गा जब पालकी या डोली पर आती हैं तो अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ता है. मंदी गिरावट जैसी स्थिति देखने को मिलती है.वहीं लोगों में गुस्सा, असंतोष, नाराजगी बढ़ती है. लोग परेशानी महसूस करते हैं. देश दुनिया में प्राकृतिक आपदाएं आने की संभावना बढ़ जाती है. सत्ता, शासन को चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. दुर्घटनाओं में जनहानि होती है.


नवरात्रि से पहले सूर्य ग्रहण लग रहा है
3 अक्टूबर से नवरात्रि शुरू हो रहे हैं, वहीं इसके ठीक एक दिन पहले यानि 2 अक्टूबर को साल का आखिरी सूर्य ग्रहण लग रहा है. इससे पहले 18 सितंबर को लगा था. 15 दिन में दो ग्रहण का संयोग ज्योतिष शास्त्र में शुभ नहीं माना गया है. 15 दिन में दो ग्रहण का संयोग भी आपदा, दुर्घटना का कारक माना गया है. दो ग्रहण और शारदीय नवरात्रि (Shardiya Navratri 2024) में मां की सवारी मिलकर जो संकेत दे रहे हैं, उसमे अधिक सतर्कता, संयम और सावधानी बरतने की जरुरत है.


इस मंत्र का  जाप करें- ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडायै विच्चे


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