Shardiya Navratri 2021: शारदीय नवरात्रि के तीसरे दिन मां दुर्गा के तीसरे स्वरूप मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है. मां चंद्रघंटा का रूप अति सुंदर, मोहक और अलौकिक है. इनका स्वरूप परम शांतिदायक और कल्याणकारी है. धार्मिक मान्यता है कि मां ने अपने भक्तों के दुखों को दूर करने व शत्रुओं से रक्षा करने के लिए अपने हाथों में त्रिशूल, तलवार और गदा ले रखा है. माता के मस्तक पर घंटे के आकार का अर्धचंद्र बना हुआ है, इसी कारण से भक्त मां को चंद्रघंटा कहते हैं.



मां चंद्रघंटा पूजा के नियम



  • मां चंद्रघंटा की पूजा केलिए भक्त प्रातः काल स्नान आदि से निवृत होकर पूजा स्थल पर मां के सामने पूजन का संकल्प ले. उसके बाद इनकी विधि-विधान से पूजा करें.

  • मां चंद्रघंटा की पूजा में दूध से बनी चीजों का भोग जरूर लगाए. मां को केसर की खीर और दूध से बनी मिठाई का भोग लगाना चाहिए. पंचामृत, चीनी व मिश्री भी मां को अर्पित करनी चाहिए. इससे मां अति प्रसन्न होती है.

  • मां के पूजन के समय भक्तों को सुनहरे या पीले रंग के वस्त्र धारण करना चाहिए. इससे माता भक्तों पर प्रसन्न होकर अपना आशीर्वाद प्रदान करती हैं. मान्यता है कि मां चंद्रघंटा को पीला रंग बेहद प्रिय है.

  • मां की पूजा के समय मां के इस मंत्र- पिण्डजप्रवरारूढा चण्डकोपास्त्रकैर्युता। प्रसादं तनुते मह्यं चंद्रघण्टेति विश्रुता।। का जाप अवश्य करें.

  • मां को खुश करने के लिए सफेद कमल और पीले गुलाब की माला अर्पित करें,

  • मां की पूजा के बाद  कन्याओं को दूध में बनी खीर खिलाएं. इससे मां अति प्रसन्न होती है.