Navratri 2021 Akhand Jyot Rules: आज पितृपक्ष (Pitru Paksha) का आखिरी दिन है. कल यानि 7 अक्टूबर से नवरात्रि (Navratri) की शुरुआत हो रही है. कल से सभी मांगलिक कार्य किए जा सकेंगे. नवरात्रि में नौ दिन तक मां दुर्गा (9 Days Maa Durga Puja) के अलग-अलग स्वरूप की पूजा होती है. नवरात्रि पूजा की शुरुआत घटस्थापना के साथ की जाती है. साथ ही कुछ घरों में देवी मां के लिए अखंड ज्योति (Akhand Jyoti) भी प्रज्वलित की जाती है. इस नौ दिन अखंड ज्योति प्रज्वलित करने का बहुत महत्व है.
मां की कृपा जल्दी पाने का ये अच्छा तरीका है. अखंड ज्योति से घर में सकारात्मकता आती है और देवी मां प्रसन्न होकर भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूरी करती है. लेकिन घटस्थापना और अखंड ज्योति को लेकर कुछ नियम बताए गए हैं, उन नियमों का पालन करना बेहद जरूरी होता है. अगर इन्हें जरा भी नजरअंदाज किया जाए तो इसके नतीजे उल्टे हो सकते हैं. आइए जानते हैं अखंड ज्योति से जुड़े कुछ अहम नियम...
अखंड ज्योति से जुड़े खास नियम (Akhand Jyoti Ke Niyam)
- मान्यता है कि मां दुर्गा के लिए अखंड ज्योति लगाते समय सीधे जमीन पर नहीं रखनी चाहिए. इसके लिए लकड़ी की चौकी लेकर उस पर एक लाल रंग का कपड़ा बीछा लें. इसके बाद चौकी पर दीपक रखें.
- नवरात्रि की पहले दिन पूजा के समय अखंड ज्योति की विधि-विधान से पूजा की जाती है. ज्योति प्रज्वलित करने से पहले इसका संकल्प लेना चाहिए और पूरे भक्ति-भाव के साथ मां दुर्गा से इसे निर्विघ्न पूरा करने की प्रार्थना करनी चाहिए.
- ध्यान रहे कि अखंड ज्योति 9 दिनों कर चौबीस घंटे प्रज्वलित रहनी चाहिए. दिए की लौ किसी भी तरह से बुझने न पाए इस बात का ध्यान हमेशा रखें. अखंड ज्योति का बीच में बुझ जाना अशुभ माना जाता है.
- अखंड ज्योति को कभी पीठ न दिखाएं. पूजा करते समय भगवान और अखंड ज्योति की तरफ ही मुंह करके बैठें.
- अगर घर में अखंड ज्योति जला रहे हैं, तो घर को किसी भी कीमत पर अकेला नहीं छोड़ना चाहिए. इसके साथ ही घर में मां की अराधना और जाप करते रहें.
- अखंड ज्योति के लिए शुद्ध देसी घी का ही प्रयोग करें. अगर ऐसा न कर पाएं तो इसके लिए सरसों का तेल या तिल का तेल भी इस्तेमाल कर सकते हैं. इतना ही नहीं, अखंड ज्योति का गंदे हाथों से हाथ न लगाएं.
- अगर घर में अखंड ज्योति प्रज्वलित नहीं कर पाते, तो मंदिर में जाकर ज्योति के लिए घी दान करें और मंत्र का जाप करें.
- अखंड ज्योति प्रज्वलित करते समय ध्यान रखें कि इसके लिए रूई की जगह कलावे का इस्तेमाल करें. इतना ही नहीं, कलावे की लंबाई ज्यादा रखें ताकि 9 दिनों तक लगातार ज्योति जलती रहे.
- सबसे अहम बता ये है कि नवरात्रि समापन के बाद भी ज्योति को खुद से न बुझाएं. उसे खुद ही ठंडा होने दें.