Navratri Puja 2021, 3 Important Things to Remember: शारदीय नवरात्रि (shardiya navratri) का हिंदू धर्म (hindu dharam) में विशेष महत्व है. साल में 4 बार नवरात्रि (4 navratri in year) मानई जाती हैं. दो गुप्त नवरात्रि (gupt navratri) और दो नवरात्रि जो मुख्य रूप से मनाए जाते हैं. इसमें चैत्र (chaitra) और शारदीय मुख्य रूप से शामिल हैं. शारदीय नवरात्रि अश्विन मास के शुक्ल पक्ष ( ashwin month shukla paksha) की प्रतिपदा तिथि से शुरू होतीहैं. 9 दिवसीय शारदीय नवरात्रि को लोग बहुत ऋद्धा के साथ मनाते हैं. इस साल 7 अक्टूर से नवरात्रि की शुरुआत (navratri starts from 7 october) हो रही है और 15 अक्टूबर, शुक्रवार को समापन होगा. इसमें मां दूर्गा (maa durga) के 9 रूपों की पूजा की जाती है. इन दिनों में कोई भी काम बिना पंडित से सुझाए नहीं किया जा सकता है.
धार्मिक मान्यता है कि नवरात्रि में पूजा का पूण्य तभी प्राप्त होता है जब विधि पूर्वक पूजा की जाती है. इस दौरान पूजा के नियमों पर विशेष ध्यान दिया जाता है. कहते हैं मां दूर्गा को नियम ज्यादा पसंद हैं. इसलिए नवरात्रि में पूजा की विधि को वरियता दी गई है. बता दें कि नवरात्रि में मां दूर्गा के पूजा में तीन चीजों का विशेष महत्व है. कहते हैं कि अगर इन तीन चीजों में से पूजा में किसी को भी शामिल नहीं किया जाएगा, तो पूजा को पूर्ण नहीं माना जाएगा. आइए जानते हैं कौन-सी हैं वो तीन महत्वपूर्ण चीजें.
लाल रंग (red colour on navratri)
कहते हैं कि नवरात्रि की पूजा में लाल रंग को विशेष महत्व दिया गया है. कहते हैं कि मां को लाल रंग अधिक प्रिय है, इसलिए शारदीय नवरात्रि में पूजा में लाल रंग को अवश्य शामिल करें. घटस्थापना और माता की स्थापना करते समय लाल रंग के वस्त्र का इस्तेमाल करें. इसके साथ ही पूजा में लाल चुनरी और कुमकुम का टीका भी लगाया जाता है.
लाल चुनरी (red chunri in navratri)
नवरात्रि में मां को लाल चुनरी भी चढ़ाई जाती हैं. कहते हैं मां को कभी भी खाली चुनरी नहीं चढ़ाएं. साथ में ऋंगार का सामान, मेवा, फल, मिष्ठान और नारियल आदि जरूर चढ़ाएं.
अखंड ज्योति (akhand jyoti in navratri)
कहते हैं कि अखंड ज्योति से घर में सकारात्मकता आती है और नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है. इसलिए नवरात्रि के दिनों में घर में अखंड ज्योति अवश्य जलाई जाती है. इतना ही नहीं, अखंड ज्योति से पहले साफ-सफाई का भी पूरा ध्यान रखा जाना चाहिए. ज्योति के लिए मिट्टी या पीतल के दीपक का ही प्रयोग करना चाहिए. वहीं, कहते हैं कि अगर गाय के घी से दीपक को जलाया जाए तो ज्यादा अच्छा होता है.
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