Navratri 2022 Ashtami Maa Mahagauri Aarti: नवरात्रि का अब आखिरी पड़ाव चल रहा है. 3 अक्टूबर 2022 को अष्टमी और 4 अक्टूबर 2022 को नवमी पर देवी के अंतिम रूप की पूजा होगी और व्रत का पारण किया जाएगा. 5 अक्टूबर 2022 को दुर्गा विसर्जन के साथ मां अंबे को विदाई दी जाएगी. नवरात्रि की महा अष्टमी -नवमी बहुत महत्वपूर्ण मानी गई है. मान्यता है इन दो दिनों में सच्चे मन से पूजा-अनुष्ठान करने वाले को नौ दिन की साधना के समान फल मिलता है. दुर्गाष्टमी पर मां महागौरी की पूजा होती है. इनकी पूजा से अपवित्र और अनैतिक विचार भी नष्ट हो जाते हैं और धन-ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है
मां महागौरी की कथा (Maa Mahagauri Katha)
पौराणिक कथा के अनुसार देवी महागौरी मां पार्वती का ही रूप हैं. शिव को पति के रूप में पाने के लिए इन्होंने कठोर तपस्या की थी. वर्षों तक तप करने की वजह से इनका रंग काला पड़ गया था इससे देवी कोशिका कहलाईं. देवी की तपस्या से भगवान भोलेनाथ बेहद प्रसन्न हुए और उन्हें श्वेत वर्ण प्रदान किया, इसलिए इन्हें महागौरी के नाम से जाना जाता है.
मां महागौरी की आरती (Maa Mahagauri Aarti)
जय महागौरी जगत की माया ।
जय उमा भवानी जय महामाया ॥
हरिद्वार कनखल के पासा ।
महागौरी तेरा वहा निवास ॥
चंदेर्काली और ममता अम्बे
जय शक्ति जय जय मां जगदम्बे ॥
भीमा देवी विमला माता
कोशकी देवी जग विखियाता ॥
हिमाचल के घर गोरी रूप तेरा
महाकाली दुर्गा है स्वरूप तेरा ॥
सती 'सत' हवं कुंड मै था जलाया
उसी धुएं ने रूप काली बनाया ॥
बना धर्म सिंह जो सवारी मै आया
तो शंकर ने त्रिशूल अपना दिखाया ॥
तभी मां ने महागौरी नाम पाया
शरण आने वाले का संकट मिटाया ॥
शनिवार को तेरी पूजा जो करता
माँ बिगड़ा हुआ काम उसका सुधरता ॥
'चमन' बोलो तो सोच तुम क्या रहे हो
महागौरी माँ तेरी हरदम ही जय हो ॥
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