Shardiya Navratri 2022: 26 सितंबर 2022 से शारदीय नवरात्रि की शुरुआत होगी. हर साल देवी मां के आगमन और प्रस्थान पर उनके अलग-अलग वाहन होते हैं. आइए जानते हैं घटस्थापना का मुहूर्त और इस बार किस पर सवार होकर आएंगी देवी दुर्गा.
शारदीय नवरात्रि 2022 घटस्थापन मुहूर्त (Shardiya Navratri 2022 Ghatsthapana muhurat)
- शारदीय नवरात्रि प्रतिपदा तिथि आरंभ - 26 सितंबर 2022 को सुबह 3.24
- शारदीय नवरात्रि प्रतिपदा तिथि समापन - 27 सितंबर 2022 सुबह 03.08
- घटस्थापना मुहूर्त - 26 सितंबर 2022 को सुबह 06 बजकर 20 मिनट से सुबह 10 बजकर 19 मिनट तक
- अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12 बजकर 06 मिनट से 12 बजकर 54 मिनट तक (26 सितंबर 2022)
कैसे तय होता है देवी दुर्गा का वाहन ? (How to decide Maa durga sawari)
मां दुर्गा शेर की सवारी करती हैं लेकिन शास्त्रों के अनुसार नवरात्रि में जब देवी दुर्गा कैलाश से पृथ्वीलोक पर आती हैं तो उनका वाहन अलग होता है. भक्तों के पास आने के लिए मां जगदंबा अलग-अलग वाहनों का चुनाव करती हैं. नवरात्रि में जगतजननी दुर्गा का आगमन और प्रस्थान का वाहन सप्ताह के दिन के आधार पर तय होता है.
कौन से हैं मां दुर्गा के वाहन ? (Devi durga different vahan)
सिंह मां दुर्गा का प्रमुख वाहन है. इसके अलावा धर्म ग्रंथों के अनुसार देवी दुर्गा हाथी, घोड़ा, नाव, पालकी पर भी सवार होती हैं. प्रत्यक्ष नवरात्रि में दिन के आधार पर वो अपने वाहन पर बैठकर आती हैं. इस साल शारदीय नवरात्रि में माता का आगमन हाथी पर होगा.
किस दिन मां दुर्गा का क्या वाहन होता है ? (Maa durga Vahan in navratri 2022)
मां जगदंबे की सवारी नवरात्रि के प्रारंभ होने वाले दिन पर निर्भर करती है. जिस दिन से नवरात्रि शुरु होती है और जिस दिन मां विदा होती है हैं यानी की नवरात्रि का आखिरी दिन तय करता है उनकी सवारी. रवियार या सोमवार से नवात्रि प्रारंभ होती है तो मां दुर्गा हाथी पर सावर होकर आती हैं. बुधवार के दिन से नवरात्रि की शुरुआत होती है, तो मां नाव पर सवार होकर आती हैं . गुरुवार या शुक्रवार से नवरात्रि शुरू होने पर मां दुर्गा डोली में बैठकर आती हैं. मंगलवार और शनिवार के दिन मां का वाहन घोड़ा होता है.
किस वाहन का क्या महत्व ? (Maa durga vahan and Effect)
गजे च जलदा देवी क्षत्र भंग स्तुरंगमे।
नोकायां सर्वसिद्धि स्या ढोलायां मरणंधुवम्।।
इस श्लोक में देवी दुर्गा के सभी वाहनों का महत्व बताया गया है. जिसका असर देश और जनता पर पड़ता है. साथ ही मां का हर वाहन विशेष संदेश देता है. मां दुर्गा के हाथी पर सवार होने का अर्थ है अधिक वर्षा का संकेत मिलता है. मां दुर्गा जब घोड़े पर सवार होकर आती है तो इसे शुभ नहीं माना जाता. ये सत्ता में उथल-पुथल प्राकृतिक आपदाएं आने का संकेत होता है. मान्यता है कि जब देवी दुर्गा का वाहन नाव होती है तो वो अपने भक्तों के सभी मनोरथ पूर्ण करती है. वहीं मां के पालकी (डोली) पर सवार होकर आने का अर्थ महामारी की स्थिति पैदा होना. ये जन हानि का संकेत है.
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