Shardiya Navratri 2022 Maa kalratri puja: शारदीय नवरात्रि की सप्तमी मां कालरात्रि को समर्पित है. देवी का सातवां रूप संकटों से उबारने वाला माना जाता है. इस साल महासप्तमी तिथि 2 अक्टूबर 2022 को है. देवी कालरात्रि का पूजन रात्रि के समय बहुत शुभ माना जाता है. शुंभ, निशुंभ के साथ रक्तबीज का विनाश करने के लिए देवी ने कालरात्रि का रूप धारण किया था. आइए जानते हैं मां कालरात्रि की पूजा विधि, प्रिय भोग और रंग, मंत्र.
नवरात्रि सप्तमी 2022 मुहूर्त (Navratri saptami 2022 muhurat)
अश्विन शुक्ल सप्तमी तिथि शुरू - 1 अक्टूबर 2022, रात 08:46
अश्विन शुक्ल सप्तमी तिथि समाप्त - 2 अक्टूबर 2022, शाम 06:47
- ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04.43 - सुबह 05.31
- अभिजीत मुहूर्त - सुबह 11.52 - दोपहर 12.40
- अमृत काल - रात 07.50 - रात 09.20
- निशिता मुहूर्त - 2 अक्टूबर, 11.52 - 3 अक्टूबर, 12.41 (रात्रि पूजा का समय)
मां कालरात्रि का स्वरूप
देवी कालरात्रि का रंग कृष्ण वर्ण है, इसलिए इनका नाम कालरात्रि है. गधे पर विराजमान देवी कालरात्रि के तीन नेत्र हैं. मां की चार भुजाओं में खड्ग, कांटा (लौह अस्त्र) सुशोभित है. गले में माला बिजली की तरह चमकती है. इनका एक नाम शुभंकरी भी है. भूत, प्रेत या बुरी शक्ति का भय, शत्रु और विरोधियों को नियंत्रित करने के लिए मां कालरात्रि की पूजा अचूक मानी जाती है.
मां कालरात्रि पूजा विधि (Maa Kalratri Puja Vidhi)
मां कालरात्रि की पूजा दो तरीके से की जाती है. एक तंत्र-मंत्र के उपासक द्वारा और दूसरा शास्त्रीय पूजन. गृहस्थ लोगों को मां की शास्त्रीय विधि से पूजा करना चाहिए. देवी की पूजा में नीले रंग का उपयोग करें. माता के इस रूप को गुड़ का भोग अति प्रिय है. रात रानी या गेंदे के फूल अर्पित कर घी का दीपक लगाएं और दुर्गा सप्तशती का पाठ करें. पूजा में शुद्धता का विशेष ध्यान रखें. शत्रुओं से मुक्ति पाने के लिए लिए रात्रि में स्नान कर लाल वस्त्र पहने और 108 बार नर्वाण मंत्र - "ॐ फट् शत्रून साघय घातय ॐ " का जाप करें. मान्यता है इससे शुभ परिणाम मिलेंगे. अब देवी की आरती कर गुड़ का प्रसाद सभी में बांट दें.ध्यान रहे मां कालरात्रि का पूजन किसी गलत उद्धेश्य से न करें वरना इसके अशुभ परिणाम मिलते हैं.
मां कालरात्रि मंत्र (Maa Kalratri Mantra)
- बीज मंत्र - क्लीं ऐं श्रीं कालिकायै नम:
- मां कालरात्रि का सिद्ध मंत्र- ओम ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै ऊं कालरात्रि दैव्ये नम:
- प्रार्थना मंत्र - एकवेणी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता।लम्बोष्ठी कर्णिकाकर्णी तैलाभ्यक्त शरीरिणी॥ वामपादोल्लसल्लोह लताकण्टकभूषणा। वर्धन मूर्धध्वजा कृष्णा कालरात्रिर्भयङ्करी॥
मां कालरात्रि भोग (Maa Kalratri Bhog)
साहस की देवी कालरात्रि को गुड़ का भोग अर्पित करें. कहते हैं इससे शत्रु और विरोधियों पर विजय प्राप्त करने का आशीर्वाद मिलता है.
मां कालरात्रि प्रिय रंग (Navratri 7th day Color)
सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा में नीला रंग शुभ माना जाता है. ये निडरता का प्रतीक है.
मां कालरात्रि फूल (Maa Kalratri Flower)
मां का रंग अधंकार यानी काली रात की तरह है. इन्हें रात में खिलने वाला फूल जैसे रात रानी का पुष्प बहुत पसंद है. मान्यता है पूजा में देवी को रात रानी का फूल अर्पित करने से भय, अकाल मृत्यु का डर खत्म हो जाता है.
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