Shardiya Navratri 2022, First Navratri Vrati Name: शारदीय नवरात्रि में मां दुर्गा के नव स्वरूपों की पूजा करने और व्रत रखने की परंपरा है. मान्यता है कि इस दौरान माता रानी धरती पर आती है और नव दिन यहां पर वास करती है तथा इन नव दिनों में अपने भक्तों को उनकी हर मनोकामना पूरी होने का आशीर्वाद प्रदान करती हैं.  


नवरात्रि कितनी होती हैं?


हिंदू धर्म ग्रंथों के मुताबिक, एक साल में कुल चार नवरात्रि होती है. जिसमें मुख्य रूप से दो नवरात्रि – चैत्र नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि का प्रचलन हैं. जन समूह की सहभागिता की दृष्टि से देखा जाये तो शारदीय नवरात्रि का विशेष महत्व होता है. इस दौरान भक्त गण जगह –जगह पर मां दुर्गा के प्रतिमा की स्थापना करते हैं और उनकी विधि –विधान से पूजा अर्चना करते हैं. इससे मां दुर्गा अति प्रसन्न होकर भक्तों को धन भण्डार भरने का आशीर्वाद प्रदान करती हैं.  


नवरात्रि व्रत को सबसे पहले किसने और कब किया?


नवरात्रि में माता रानी दुर्गा जी कृपा भक्तों पर बरसती है. इससे भक्तों की सारी समस्याएं दूर हो जाती हैं. उनके सारे कष्ट और पाप मिट जाते हैं. उनका घर-परिवार सुख-शांति और समृद्धि से भर जाता है. ऐसे में मन में यह बात जरूर आती होगी कि नवरात्रि का व्रत कब और किसने शुरू किया? इस बारे में आइये जानें वाल्मिकी पुराण क्या कहता है?  


वाल्मिकि पुराण में वर्णित एक कथा के अनुसार,  भगवान श्रीराम ने ऋष्यमूक पर्वत पर आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से नवमी तिथि तक परमशक्ति महिषासुरमरदिनी देवी दुर्गा की विधि-विधान से पूजा- अर्चना की थी. इसके बाद दशमी तिथि के दिन उन्होंने किष्किंधा पर्वत से लंका जा कर राक्षस रावण का वध किया था. इस पूजा के दौरान भगवान श्रीराम ने माता देवी से अध्यात्मिक बल की प्राप्ति, शत्रु पराजय व कामना पूर्ति के का आर्शीवाद लिया था. यह बात सतयुग की है. इस प्रकार नवरात्रि का व्रत सबसे पहले भगवान श्री राम ने शुरू किया था.



 


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