Shardiya Navratri 2023: कोई भी शुभ कार्य हो वह सभी शक्तियों के सहयोग से ही संभव होता है. हमारी भारतीय संस्कृति सभी शक्तियों को साथ लेकर शुभ की कामना करती है. इसलिए कहा गया है सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामया। यानी सभी सुखी हो और सभी स्वस्थ हो. इसीलिए हिंदू धर्म में हम शक्ति की पूजा करते हैं. क्योंकि शक्ति में ही तो सृजन की क्षमता छिपी होती है. 


शारदीय नवरात्रि 2023 से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें



  • इस बार कोई भी तिथि का क्षय होने से नवरात्र पूरे 9 दिन के होंगे.

  • आश्विन माह की प्रतिपदा तिथि 14 अक्टूबर की रात 11 बजकर 25 मिनट से शुरू होगी और दूसरे दिन 15 अक्टूबर को रात 12 बजकर 33 मिनट तक रहेगी.

  • उदया तिथि के अनुसार 15 अक्टूबर 2023 से शारदीय नवरात्रि की शुरुआत हो रही है और 23 अक्टूबर 2023 को समाप्त होगी. 

  • जब नवरात्रि रविवार या सोमवार के दिन शुरू होते हैं, तो मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आती हैं. हाथी पर सवार होने से सर्वत्र सुख सम्पन्नता बढेगी.  

  • नवरात्रि के पहले दिन बुधादित्य योग, सुनफा योग, वेशी योग, लक्ष्मी योग का अद्भुत संयोग बन रहा है.

  • महाष्टमी 22 अक्टूबर को और महानवमी 23 अक्टूबर को मनाई जाएगी. वहीं दशहरा 24 अक्टूबर का रहेगा. 

  • शारदीय नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना के साथ मां दुर्गा की पूजा शुरू होती है. शक्ति पूजा से पहले मां दुर्गा का आहृवान किया जाता है. 

  • घटस्थापना/कलश स्थापना के लिए श्रेष्ठ मुहूर्त-15 अक्टूबर को दोपहर 12 बजकर 01 मिनट से दोपहर 12 बजकर 46 मिनट तक है. 


नवरात्रि पर इस बार शुभ योगों की वर्षा


इस बार नवरात्रा में एक नहीं कई सर्वार्थ सिद्ध योग बने हैं. समझ लीजिए कि मां भगवती ने शुभ योगों की वर्षा की है. आप भी अपनी मुरादों की झोली भर लें. योग कब हैं यह आप नोट कर लें. नवरात्रि में बन रहे इन शुभ योगों में किया गया कोई भी जाप, अनुष्ठान आपको कई गुणा फल प्रदान करता है. किसी विशेष मनोकामना पूर्ति के लिए श्रद्धापूर्वक किया गया कार्य भी सफल होता है. इस योग में वाहन, मकान, सोने चांदी के जेवरात की खरीददारी, मुंडन, गृहप्रवेश आदि शुभ कार्यों के लिए ये योग अत्यंत शुभ है.


  • इस बार नवरात्रि पर कुंभ राशि में शनिदेव होने से वृषभ, सिंह, वृश्चिक और कुंभ राशि वालों के लिए शश योग नामक शुभ योग रहेगा. 

  • वहीं मिथुन, कन्या, धनु और मीन राशि वालों के लिए बुध कन्या राशि में विराजित होने से भद्र योग बन रहा है.

  • इसके अलावा नवरात्र में 16 अक्टूबर को लक्ष्मी, योग, विषकुंभ योग, बुधादित्य योग. 

  • 17 अक्टूबर को बुधादित्य योग, लक्ष्मी योग, प्रीति योग.

  • 18 अक्टूबर को आयुष्मान योग, पराक्रम योग, सर्वाअमृत योग.

  • 19 अक्टूबर को पराक्रम योग, सौभाग्य, बुधादित्य योग एवं शोभन योग.

  • 20 अक्टूबर को पराक्रम योग, अतिगंड योग, बुधादित्य योग.

  • 21 अक्टूबर को पराक्रम योग, बुधादित्य योग, सुकर्मा योग.

  • सवार्थ सिद्ध यानी सभी कार्यो के लिए स्वंय सिद्ध मुहूर्त है ये 22 अक्टूबर को है. साथ इस दिन पराक्रम योग, बुधादित्य योग धृति योग भी है.   

  • वहीं 23 अक्टूबर को बुधादित्य योग, पराक्रम योग, शूलयोग के साथ दूसरा सर्वार्थ सिद्ध योग है.


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