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Navratri 2023: नवरात्रि में इस बार 9 शुभ योग, 15 से 23 अक्टूबर तक खरीदारी और निवेश के लिए कई शुभ मुहूर्त
Navratri 2023: इस बार नवरात्रि कई शुभ संयोग लेकर आ रही है. नवरात्रि में 15 से 23 अक्टूबर 2023 तक के प्रत्येक दिन में शुभ योग और संयोग बन रहे हैं, जिसे खरीदारी और निवेश के लिए शुभ माना जा रहा है.
Navratri 2023: शारदीय नवरात्रि के साथ ही खरीदारी और निवेश के लिए भी शुभ समय की शुरुआत हो चुकी है. नवरात्रि में 15 अक्टूबर से 23 अक्टूबर के दौरान ऐसे मुहूर्त बन रहे हैं, जिसमें प्रॉपर्टी, ज्वैलरी, गाड़ियों से लेकर इलेक्ट्रॉनिक सामान तक खरीदना शुभ होगा. ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि इस बार नवरात्रि की शुरुआत रविवार को होने से देवी हाथी पर सवार होकर आएंगीं.
देवी दुर्गा का आगमन कष्टों से मुक्ति का संकेत दे रहा है. ये सुख-समृद्धि का प्रतीक है. हाथी का संबंध विघ्नहर्ता गणेश और देवी महालक्ष्मी से भी है. इस कारण इन दिनों की गई खरीदारी शुभ होगी और निवेश लंबे समय तक फायदा देने वाला रहेगा.15 अक्टूबर से 23 अक्टूबर तक तिथि, वार और नक्षत्रों से मिलकर सर्वार्थसिद्धि, राजयोग, त्रिपुष्कर, अमृतसिद्धि और रवियोग बन रहे हैं. इन शुभ संयोगों से सुख और समृद्धि बढ़ेगी.
विशेष योग संयोग में गहने, नई प्रॉपर्टी की खरीद या फ्लैट बुक कराना फायदेमंद रहेगा. साथ ही नए कामों की शुरुआत करना भी सफलतादायक रहेगा. गाड़ी, स्वर्ण, चांदी, वस्त्र, बर्तन की खरीदारी शुभ रहेगा. वहीं आभूषण, गाड़ी, भूमि, भवन, गृह सामग्री फ्रिज, टीवी आदि खरीदना शुभ साबित होगी. अपने पसंदीदा सामान की इस दौरान खरीदारी कर घरों में खुशियां ला सकते हैं.
नवरात्रि पर खरीदारी-निवेश के लिए 9 शुभ मुहूर्त
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि 15 अक्टूबर के ग्रह-नक्षत्र हर्ष, शंख, भद्र, पर्वत, शुभकर्तरी, उभयचरी, सुमुख, गजकेसरी और पद्म नाम के योग बना रहे हैं. वहीं, 23 तारीख तक चलने वाले शक्ति पर्व में पद्म, बुधादित्य, प्रीति और आयुष्मान योग के साथ ही 3 सर्वार्थसिद्धि, 3 रवियोग और 1 त्रिपुष्कर योग रहेगा. वहीं, दशहरा अपने आप में अबूझ मुहूर्त होता है. इस तरह से 23 अक्टूबर तक हर तरह की खरीदारी, रियल एस्टेट में निवेश और नए कामों की शुरुआत के लिए 9 दिन बहुत शुभ होंगे.
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि इस साल नौ शुभ योग में नवरात्रि शुरू हो रही है. सितारों की ऐसी स्थिति पिछले 400 सालों में नहीं बनी. इस बार नवरात्रि का हर दिन शुभ रहेगा. इन दिनों में प्रॉपर्टी खरीदने से लेकर नया बिजनेस शुरू करने तक हर मुहूर्त शुभ रहेगा. इन दिनों में सिर्फ पूजा-पाठ ही नहीं होती, नई शुरुआत और खरीदारी के लिए भी ये दिन बहुत शुभ होते हैं. 15 अक्टूबर से शुरू होने वाली नवरात्रि अखंड रहेगी यानी अंग्रेजी तारीख और तिथियों का ठीक तालमेल होने से एक भी तिथि कम नहीं होगी. इस तरह पूरे नौ दिनों का शक्ति पर्व होना शुभ संयोग है.
ज्योतिषाचार्य से जानते हैं नवरात्रि में कब कौन से योग बन रहे हैं
- 15 अक्टूबर - पद्म और बुधादित्य योग
- 16 अक्टूबर - छत्र योग, स्वाती नक्षत्र और भद्रा तिथि का संयोग
- 17 अक्टूबर - प्रीति, आयुष्मान और श्रीवत्स योग
- 18 अक्टूबर - सर्वार्थसिद्धि और अमृतसिद्धि योग
- 19 अक्टूबर - ज्येष्ठा नक्षत्र और पूर्णा तिथि संयोग
- 20 अक्टूबर – रवियोग, षष्ठी तिथि और मूल नक्षत्र का संयोग
- 21 अक्टूबर - त्रिपुष्कर योग
- 22 अक्टूबर - सर्वार्थसिद्धि और रवियोग
- 23 अक्टूबर -सर्वार्थसिद्धि और रवियोग
हाथी पर सवार होकर आएंगी मां दुर्गा
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि नवरात्रि के पहले दिन के आधार पर मां दुर्गा की सवारी के बारे में पता चलता है. नवरात्रि में माता की सवारी का विशेष महत्व होता है. माता हाथी पर सवार होकर धरती पर आ रही हैं. हाथी पर माता का आगमन इस बात की ओर संकेत कर रहा है कि इस साल खूब अच्छी वर्षा होगी और खेती अच्छी होगी. देश में अन्न धन का भंडार बढ़ेगा. इस बार रविवार को नवरात्रि शुरू होने पर देवी हाथी पर सवार होकर आएंगीं, जो कि सुख-समृद्धि का संकेत है. वहीं सोमवार 23 अक्टूबर को नवरात्रि का आखिरी दिन रहेगा. इस दिन सर्वार्थसिद्धि और रवियोग बनने से देवी की विदाई भी शुभ रहेगी.
कलश स्थापना शुभ मुहूर्त
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि, पंचांग के अनुसार शारदीय नवरात्रि की प्रतिपदा तिथि को यानी पहले दिन कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त 15 अक्टूबर को 11:48 मिनट से दोपहर 12:36 तक है. ऐसे में कलश स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त इस साल 48 मिनट ही रहेगा.
- घटस्थापना तिथि: रविवार 15 अक्टूबर 2023
- घटस्थापना मुहूर्त: प्रातः 06:30 मिनट से प्रातः 08: 47 मिनट तक
- अभिजित मुहूर्त: सुबह 11:48 मिनट से दोपहर 12:36 मिनट तक
शारदीय नवरात्रि की तिथियां
- 15 अक्टूबर 2023 - मां शैलपुत्री (पहला दिन) प्रतिपदा तिथि
- 16 अक्टूबर 2023 - मां ब्रह्मचारिणी (दूसरा दिन) द्वितीया तिथि
- 17 अक्टूबर 2023 - मां चंद्रघंटा (तीसरा दिन) तृतीया तिथि
- 18 अक्टूबर 2023 - मां कुष्मांडा (चौथा दिन) चतुर्थी तिथि
- 19 अक्टूबर 2023 - मां स्कंदमाता (पांचवा दिन) पंचमी तिथि
- 20 अक्टूबर 2023 - मां कात्यायनी (छठा दिन) षष्ठी तिथि
- 21 अक्टूबर 2023 - मां कालरात्रि (सातवां दिन) सप्तमी तिथि
- 22 अक्टूबर 2023 - मां महागौरी (आठवां दिन) दुर्गा अष्टमी
- 23 अक्टूबर 2023 - महानवमी, (नौवां दिन) शरद नवरात्र व्रत पारण
- 24 अक्टूबर 2023 - मां दुर्गा प्रतिमा विसर्जन, दशमी तिथि (दशहरा)
कन्या और देवी के शस्त्रों की पूजा
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि अष्टमी को विविध प्रकार से मां शक्ति की पूजा करें. इस दिन देवी के शस्त्रों की पूजा करनी चाहिए. इस तिथि पर विविध प्रकार से पूजा करनी चाहिए और विशेष आहुतियों के साथ देवी की प्रसन्नता के लिए हवन करवाना चाहिए. इसके साथ ही 9 कन्याओं को देवी का स्वरूप मानते हुए भोजन करवाना चाहिए. दुर्गाष्टमी पर मां दुर्गा को विशेष प्रसाद चढ़ाना चाहिए. पूजा के बाद रात्रि को जागरण करते हुए भजन, कीर्तन, नृत्यादि उत्सव मनाना चाहिए.
हर आयु की कन्या का होता है अलग महत्व
- ज्योतिषाचार्य ने बताया कि, 2 साल की कन्या को कुमारी कहा जाता है. इनकी पूजा से दुख और दरिद्रता खत्म होती है.
- 3 साल की कन्या त्रिमूर्ति मानी जाती है. त्रिमूर्ति के पूजन से धन-धान्य का आगमन और परिवार का कल्याण होता है.
- 4 साल की कन्या कल्याणी मानी जाती है. इनकी पूजा से सुख-समृद्धि मिलती है.
- 5 साल की कन्या रोहिणी माना गया है. इनकी पूजन से रोग-मुक्ति मिलती है.
- 6 साल की कन्या कालिका होती है. इनकी पूजा से विद्या और राजयोग की प्राप्ति होती है.
- 7 साल की कन्या को चंडिका माना जाता है. इनकी पूजा से ऐश्वर्य मिलता है.
- 8 साल की कन्या शांभवी होती है. इनकी पूजा से लोकप्रियता प्राप्त होती है.
- 9 साल की कन्या दुर्गा को दुर्गा कहा गया है. इनकी पूजा से शत्रु विजय और असाध्य कार्य सिद्ध होते हैं.
- 10 साल की कन्या सुभद्रा होती है. सुभद्रा के पूजन से मनोरथ पूर्ण होते हैं और सुख मिलता है.
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