Shardiya Navratri 2024 Live: मां शैलपुत्री की पूजा के साथ आज से शारदीय नवरात्रि की शुरुआत, जानें घटस्थापना मुहूर्त, भोग, मंत्र

Shardiya Navratri Ghatasthapana Time 2024 Live: शारदीय नवरात्रि आज 3 अक्टूबर से शुरू होगी. इस बार माता आशीष देने पालकी पर आएगी. नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना शुभ मुहूर्त, विधि, 9 दिन के रंग, भोग आदि.

एबीपी लाइव Last Updated: 03 Oct 2024 01:07 PM
Shardiya Navratri 2024: शारदीय नवरात्रि 2024

आज कलशस्थापना के बाद अगले 9 दिनों तक माता रानी की आराधना की जाती है. इस दौरान व्रत और पूजा-पाठ किया जाता है और पूरे नियम के साथ मां की पूजा करते हैं. आखिरी व्रत 11 अक्टूबर नवमी के दिन रखा जाएगा.

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Shardiya Navratri 2024 Kalash Sthapana : शारदीय नवरात्रि 2024 कलशस्थापना

  • इसके लिए आप एक चौड़ा एवं खुला मिट्टी का पात्र, स्वस्छ मिट्‌टी लें, साथ ही उसपर पवित्र सूत्र, मौली बांधे.

  • सप्त धान्य यानि जौ, तिल, कंगनी, मूंग, चना, गेंहू, धान लें.

  • अशोक या आम के पांच पत्ते, अक्षत और जटा वाला नारियल लें.

  • नारियल पर लपेटने के लिए लाल वस्त्र रखें.

  • विधि पूर्वक कलशस्थापना करें.

  • दुर्गा चालीसा का पाठ करें.

  • मां अंबे की आरती करें.

Shardiya Navratri 2024 Ghatsthapana Muhurat: शारदीय नवरात्रि 2024 घटस्थापना मुहूर्त

अगर आपने भी अभी तक घटस्थापना नहीं की है तो शारदीय नवरात्रि के दूसरे शुभ मुहूर्त में आप घटस्थापना कर सकते हैं. घटस्थापना का दूसरा शुभ मुहूर्त सुबह 11.52 मिनट से लेकर दोपहर 12.39 तक है. जल्द ही दूसरा मुहूर्त शुरु होने वाला है. इस दौरान आप पूरे नियम से कलशस्थापना कर सकते हैं.

Shardiya Navratri 2024 Importance: शारदीय नवरात्रि का महत्व

शास्त्रीय नवरात्रि नारी शक्ति का पर्व है. धार्मिक मान्यता के अनुसार, मां दुर्गा की आराधना का सबसे श्रेष्ठ समय नवरात्रि है. नवरात्रि के नौ दिनों के दौरान मां के अलग-अलग नौ स्वरूपों की आराधना की जाती है. नवरात्रि का हर दिन मां के विशिष्ट स्वरूप को समर्पित होता है और हर स्वरूप की अलग महिमा होती है. आदिशक्ति जगदम्बा के हर स्वरूप से अलग-अलग मनोरथ पूर्ण होते हैं.

Shardiya Navratri 2024: मां शैलपुत्री पूजा मंत्र

देवी शैलपुत्र्यै नमः॥ वन्दे वाञ्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम्।


ऊँ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ॐ शैलपुत्री देव्यै नम।
वन्दे वांछितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम्। वृषारूढ़ां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्।।


बीज मंत्र- या देवी सर्वभूतेषु माँ शैलपुत्री रूपेण संस्थिता। नमस्त्यै नमस्त्यै नमस्तस्यै नमो नम:।

Shardiya Navratri 2024 Shubh Yog: नवरात्रि पर इस वर्ष बना ग्रह-नक्षत्रों का शुभ योग

नवरात्रि की शुरुआत हस्त नक्षत्र में हुई है, जो सुबह से लेकर दोपहर 3:18 तक हस्त नक्षत्र रहेगा. यह नक्षत्र बेहद शुभ मुहूर्त है. इसमें कलश स्थापना करना भी शुभ फलदाई होता है. शारदीय नवरात्रि पर बृहस्पति-सूर्य और शनि का खास संयोग बन रहा है. बृहस्पति की स्थिति में देवी मां की आराधना करने वाले भक्तों पर अमृत वर्षा होगी.

Shardiya Navratri 2024 Wishes: नवरात्रि की शुभकामनाएं


Shardiya Navratri 2024 Date: शारदीय नवरात्रि की प्रमुख तिथियां


Shardiya Navratri 2024: इस साल पालकी पर हुआ माता रानी का आगमन

नवरात्रि के पहले दिन के आधार पर मां दुर्गा की सवारी के बारे में पता चलता है. अगर नवरात्रि का आरंभ सोमवार या रविवार को हो तो माता हाथी पर आती हैं. शनिवार और मंगलवार को माता अश्व यानी घोड़े पर सवार होकर आती हैं. गुरुवार या शुक्रवार को नवरात्रि का आरंभ हो रहा हो तब माता डोली या पालकी पर आती हैं. बुधवार के दिन नवरात्रि पूजा आरंभ होने पर माता नाव पर आरुढ़ होकर आती हैं.


इस साल शारदीय नवरात्रि गुरुवार 3 अक्टूबर 2024 से शुरू हुई है. इसलिए माता रानी का आगमन पालकी पर हुआ है. मां दुर्गा की सवारी जब पालकी होती है इसे अच्छा संकेत नहीं माना जाता है.यह चिंता बढ़ाने वाला संकेत है.

Ghatasthapana 2024 Niyam: घटस्थापना के नियम

  • कलश स्थापना के लिए एक मिट्टी के पात्र या थाली में मिट्टी डालकर जौ के बीज डालें.

  • मिट्टी या तांबे के लोटे पर रोली से स्वास्तिक का चिन्ह बनाकर मौली बांधें. 

  • लोटे में जल भर दें और थोड़ा गंगाजल जरूर मिलाएं. 

  • कलश में दूर्वा, अक्षत, सुपारी और सिक्के रख दें. 

  • आम की पांच पत्तियों वाली छोटी टहनी कलश में रखें. 

  • पानी वाले एक नारियल पर लाल वस्त्र लपेटकर मौली बांधें 

  • दुर्गा चालीसा का पाठ जरूर करें. 

  • नवरात्रि के 9 दिनों के लिए अखंड ज्योति प्रज्वलित जलाएं.

Shardiya Navratri 2024: कलश स्थापना कैसे करें

कलश स्थापना के लिए एक मिट्टी का पात्र लें. इसके बाद एक थाली में थोड़ी सी मिट्टी डालकर उसमें जौ के बीज को मिलाएं. फिर इसे मिट्टी के पात्र में डालें और पानी से छिड़काव करें. एक तांबे या मिट्टी के कलश पर रोली से स्वास्तिक का चिन्ह बनाएं और कलश के ऊपरी भाग में कलावा बांधे. कलश में साफ जल भर दें. साथ ही कलश में थोड़ा गंगाजल भी मिलाएं. फिर उसमें दूर्वा, अक्षत, सुपारी और कुछ पैसे रखें. अब आम या अशोक की पत्तियां कलश के ऊपर रखकर एक नारियल को लाल चुनरी से लपेटकर मौली बांध दें और इसे कलश के ऊपर बीच में रखें.

Shardiya Navratri 2024 Ghatasthapana Muhurat: घटस्थापना और मां शैलपुत्री की पूजा के साथ शारदीय नवरात्रि की शुरुआत

गुरुवार 3 अक्टूबर 2024 से शारदीय नवरात्रि शुरू हो चुके हैं. इस दिन नवदुर्गा के 9 रूपों में पहली देवी मां शैलपुत्री की पूजा होती है. आज के दिन घटस्थापना या कलश स्थापना की जाती है. घटस्थापना के लिए इस बार दो शुभ मुहूर्त रहेंगे.



Shardiya Navratri 2024 Tithi: शारदीय नवरात्रि की प्रतिपदा तिथि कब से कब तक

पंचांग के अनुसार, आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि का आरंभ 3 अक्टूबर की सुबह 12:19 मिनट से होगा और इसका समापन अगले दिन 4 अक्टूबर की सुबह 2:58 मिनट पर होगा.

Navratri 2024 Colours: नवरात्रि के 9 रंग

3 अक्टूबर 2024 - पीला
4 अक्टूबर 2024 - हरा
5 अक्टूबर 2024 - स्लेटी
6 अक्टूबर 2024 - नारंगी
7 अक्टूबर 2024 - सफेद
8 अक्टूबर 2024 - लाल
9 अक्टूबर 2024 - नीला
10 अक्टूबर 2024 - गुलाबी
11 अक्टूबर 2024 - बैंगनी
12 अक्टूबर 2024 - दुर्गा विसर्जन

Navratri 2024 1st Day: मां शैलपुत्री की पूजा, भोग


Shardiya Navratri 2024 Tithi: शारदीय नवरात्रि की तिथियां

3 अक्टूबर 2024 (प्रतिपदा): घटस्थापना, मां शैलपुत्री
4 अक्टूबर 2024 (द्वितीया) : मां ब्रह्मचारिणी
5 अक्टूबर 2024 (तृतीया) : मां चन्द्रघण्टा
6 अक्टूबर 2024 तृतीया
7 अक्टूबर 2024 (चतुर्थी) : मां कूष्माण्डा
8 अक्टूबर 2024 (पंचमी) : मां स्कंदमाता
9 अक्टूबर 2024 (षष्ठी) : मां कात्यायनी
10 अक्टूबर 2024 (सप्तमी) : मां कालरात्रि
11 अक्टूबर 2024 (अष्टमी) : महाष्टमी, मां महागौरी, कन्या पूजा
12 अक्टूबर 2024 (नवमी) : महानवमी, मां सिद्धिदात्री, विजयादशमी, दशहरा, नवरात्रि पारण, दुर्गा विसर्जन

Shardiya Navratri 2024 muhurat: शारदीय नवरात्रि पर घटस्थापना के 2 मुहूर्त


बैकग्राउंड

Shardiya Navratri 2024 Live: 3 अक्टूबर से शारदीय यानी आश्विन मास (Ashwin navratri) की नवरात्रि की शुरुआत हो चुकी है. देवी पूजा का ये पर्व 11 अक्टूबर तक चलेगा. इस साल तिथियों के घट-बढ़ के कारण नवरात्रि 9 की बजाय 10 दिन की होगी.


नवरात्रि की दो महत्वपूर्ण तिथियां दुर्गाष्टमी (Navratri ashtami) और दुर्गा नवमी (Navratri navami) एक ही दिन मनाई जाएगी. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इन्हीं नौ दिनों में मां दुर्गा धरती पर आती है और धरती को उनका मायका कहा जाता है. इस नवरात्रि में दुर्गा पूजा भी मनाई जाती है.


शारदीय नवरात्रि का धार्मिक महत्व (Shardiya Navratri significance)


शारदीय नवरात्रि का पर्व सिद्धि और साधना की दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जाता है. इस नवरात्र में लोग अपनी आध्यात्मिक और मानसिक शक्ति के संचय के लिए अनेक प्रकार के व्रत, संयम, नियम, यज्ञ, भजन, पूजन, आदि करते हैं. शारदीय नवरात्रि सभी नवरात्रियों में सबसे अधिक लोकप्रिय एवं महत्वपूर्ण नवरात्रि है. इसीलिए शारदीय नवरात्रि को महा नवरात्रि के नाम से भी जाना जाता है


साल में आती हैं 4 नवरात्रि


एक साल में कुल चार बार नवरात्रि आती है. पहली चैत्र मास में, दूसरी आषाढ़ में, तीसरी आश्विन में और चौथी माघ मास में. चैत्र और आश्विन मास की नवरात्रियां सामान्य होती हैं, इसमें 9 देवियों की पूजा होती है. इन नवरात्रियों में देवी की सरल तरीकों से पूजा की जाती है. वहीं आषाढ़-माघ मास में गुप्त नवरात्रि आती है जिसमें महाविद्या की पूजा होती है, जो तांत्रिक और अघोरियों के लिए महत्वपूर्ण है.


नवरात्रि के 9 दिन क्या होता है ? (Shardiya Navratri 2024 Puja)


नवरात्रि के नौ दिनों के अनुसार स्त्रियां नौ अलग-अलग रंगों के वस्त्र पहनती हैं. यह रंग सप्ताह के दिन के आधार पर तय किया जाता है. वैदिक ज्योतिष के अनुसार सप्ताह का प्रत्येक दिन एक ग्रह से संबंध है. इसके प्रभाव से माता का आशीर्वाद और ग्रहों का शुभ प्रभाव जीवन में देखने को मिलता है


नवदुर्गा के प्रत्येक स्वरूप को एक खास भोग अर्पित किया जाता है, इससे देवी प्रसन्न होती है.

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