Maha Navami 2023 Puja Live: नवरात्रि की महानवमी आज, जानें कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त, महत्व, पूजन विधि और मंत्र

Maha Navami 2023 Puja Vidhi, Havan Vidhi Mantra Muhurat LIVE: आज नवरात्रि का अंतिम दिन. नवमी के दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा-अर्चना की जाती है. इसके बाद हवन किया जाता है, कन्याओं को भोजन कराया जाता है

एबीपी लाइव Last Updated: 23 Oct 2023 10:32 AM
मां सिद्धिदात्री को लगाएं खीर का भोग (Maa Siddhidatri Bhog)

नवरात्रि के आखिरी दिन मां सिद्धिदात्री को प्रसन्न करने के लिए खीर भोग लगाना चाहिए. इसके अलावा मां सिद्धिदात्री देवी की पूज-अर्चना करने के बाद उन्हें तिल और अनार का भोग भी लगा सकते हैं. इससे मां की कृपा बरसती है और भक्तों को संसार के समस्त सुखों की प्राप्ति होती है. 

मां सिद्धिदात्री की आरती (Maa Siddhidatri Aarti)

जय सिद्धिदात्री तू सिद्धि की दाता!!


तू भक्तों की रक्षक
तू दासों की माता!!


तेरा नाम लेते ही मिलती है सिद्धी
तेरे नाम से मन की होती है शुद्धि!!


कठिन काम सिद्ध कराती हो तुम
हाथ सेवक के सिर धरती हो तुम!!


तेरी पूजा में न कोई विधि है
तू जगदंबे दाती, तू सर्वसिद्धी है!!


रविवार को तेरा सुमरिन करे जो
तेरी मूर्ति को ही मन में धरे जो !!


तू सब काम कराती है उसके पूरे
कभी काम उसके रहे न अधूरे!!


तुम्हारी दया और तुम्हारी यह माया
रखे जिसके सर पर मैया अपनी छाया!!


सर्व सिद्धी दाती वह है भाग्यशाली
जो है तेरे दर का ही मां अंबे सवाली!!


हिमाचल है पर्वत जहां वास तेरा
महानंदा मंदिर में है वास तेरा!!


मुझे आसरा तुम्हारा ही माता
भक्ति है सवाली तू जिसकी दाता!!

नवरात्रि के नौवें दिन का महत्व (Mahanavami Significance)

महानवमी नवरात्रि का आखिरी दिन होता है. इस दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा करने से समस्त सिद्धियों का ज्ञान प्राप्त होता है. इनकी पूजा करने से बुद्धि और विवेक में वृद्धि होती है. नवरात्रि के नौवे दिन मां की पूजा के बाद हवन किया जाता है. इस दिन कन्या पूजन भी किया जाता है. कन्या पूजन के बाद उन्हे उपहार देकर विदा करना चाहिए. कन्या पूजन के बाद ही नवरात्रि व्रत का पारण किया जाता है. इस दिन किए गए पूजा-पाठ से पूरे 9 दिन की पूजा सफल मानी जाती है.

ऐसे करें मां सिद्धिदात्री की पूजा (Maa Siddhidatri Pujan Vidhi)

महानवमी तिथि पर सुबह जल्दी उठकर स्नान कर पूजा का संकल्प करें. पूजा स्थल पर देवी सिद्धिदात्री की या देवी दुर्गा की प्रतिमा को स्थापित करके पूजा आरंभ करें. पूजा की शुरुआत सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा से करनी चाहिए. नवग्रह को फूल अर्पित करें.  माता को कुमकुम, मौली, अक्षत, हल्दी, गुलाब के फूलों की माला अर्पित करें. दुर्गा सप्तशती का पाठ और मां दुर्गा और सिद्धिदात्री से जुड़े मंत्रों का जाप करें. अंत में मां की आरती करें.

महानवमी पर कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त (Kanya Pujan Shubh Muhurt 2023)

महानवमी पर कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त 23 अक्टूबर को सुबह 6 बजकर 27 मिनट से लेकर सुबह 7 बजकर 51 मिनट तक रहेगा. इसके बाद, कन्या पूजन का दूसरा मुहूर्त सुबह 9 बजकर 16 मिनट से लेकर सुबह 10 बजकर 41 मिनट तक है.

ऐसा है मां सिद्धिदात्री का स्वरूप (Maa Siddhidatri Swaroop)

मां सिद्धिदात्री का स्वरूप अनोखा है. वो कमल पर विराजती हैं और शेर की सवारी करती हैं. मां की चार भुजाएं हैं जिनमें दाहिने हाथ में उन्होंने गदा लिया हुआ है दूसरे दाहिने हाथ में चक्र है. उनके दोनों बाएं हाथों में क्रमशः शंख और कमल है. मां का यह नौवां स्वरूप सभी तरह की सिद्धियों को देने वाला माना गया है.

महानवमी पूजा का शुभ मुहूर्त (Mahanavami 2023)

ज्योतिष के अनुसार इस बार 23 अक्टूबर को दिन में 2 बजकर 58 मिनट तक नवमी तिथि रहेगी. इसके बाद से दशमी तिथि लग जाएगी. नवमी की पूजा का शुभ मुहूर्त दोपहर 2 बजकर 58 मिनट तक ही है.

आज हो रही है मां सिद्धिदात्री की पूजा (Siddhidatri Mata)

नवमी के दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा-अर्चना की जाती है. मां सिद्धिदात्री को सभी सिद्धियों की देवी माना जाता है. मान्यता है कि मां के इस रूप की उपासना करने से नवरात्रि के 9 दिनों की उपासना का फल मिल जाता है. मां के इस स्वरूप की पूजा करने से भक्तों को यश, बल और धन का वरदान मिलता है.

शारदीय नवरात्रि का अंतिम दिन आज (Shardiya Navratri 2023)

आज शारदीय नवरात्रि का नौवां और अंतिम दिन है. इसे महानवमी भी कहा जाता है. शारदीय नवरात्रि के नौवें दिन मां सिद्धिदात्री देवी की पूजा की जाती है. मां सिद्धिदात्री अपने भक्तों के अंधकार को दूर करती हैं. मां सिद्धिदात्री भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं.

बैकग्राउंड

Navratri 2023: नवरात्रि के 9 दिन देवी मां के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है. आज शारदीय नवरात्रि का नौवां दिन है. इस दिन को दुर्गा महानवमी भी कहा जाता है. शारदीय नवरात्रि का नौवां दिन मां सिद्धिदात्री देवी को समर्पित होता है. मां सिद्धिदात्री अपने भक्तों के अंधकार को दूर कर उनके जीवन में प्रकाश लेकर आती हैं. ज्योतिष के अनुसार इस बार 23 अक्टूबर को दिन में 2 बजकर 58 मिनट तक नवमी तिथि रहेगी. इसके बाद से दशमी तिथि लग जाएगी. नवमी की पूजा का शुभ मुहूर्त दोपहर 2 बजकर 58 मिनट तक ही है.


नवरात्रि के नौवें दिन का महत्व 


महा नवमी नवरात्रि का आखिरी दिन होता है. इस दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा करने से समस्त सिद्धियों का ज्ञान प्राप्त होता है. इनकी पूजा करने से बुद्धि और विवेक में वृद्धि होती है. नवरात्रि के नौवे दिन मां की पूजा के बाद हवन किया जाता है. जो लोग अष्टमी का व्रत रखते हैं वो लोग इस दिन कन्या पूजन भी करते हैं और इसके बाद ही नवरात्रि व्रत का पारण करते हैं. इस दिन पूजा में मां को नौ कमल के फूल लाल कपड़े में रखकर अर्पित करना चाहिए. पूजा में चौमुखी घी का दीपक जलाना चाहिए, कन्या पूजन के बाद उन्हे उपहार देकर विदा करना चाहिए. ऐसा करने से 9 दिन की पूजा सफल मानी जाती है और परिवार को सुख, शांति और सौभाग्य आता है.


महानवमी की पूजा विधि


महानवमी नवरात्रि की आखिरी तिथि होती है. इस दिन मां दुर्गा के सिद्धिदात्री स्वरूप की पूजा-अर्चना और पाठ करने का महत्व होता है. महानवमी तिथि पर सुबह जल्दी उठकर स्नान करके  पूजा का संकल्प लेना चाहिए.पूजा स्थल पर देवी सिद्धिदात्री की प्रतिमा को स्थापित करें. अगर आपके पास देवी सिद्धिदात्री की प्रतिमा नहीं तो देवी दुर्गा की प्रतिमा को स्थापित करके पूजा आरंभ करें. पूजा की शुरुआत सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा से करनी चाहिए. नवग्रह को फूल अर्पित करें. इसके बाद देवी को धूप, दीप, फल, फूल, भोग और नवैद्य अर्पित करें. दुर्गा सप्तशती का पाठ और मां दुर्गा और सिद्धिदात्री से जुड़े मंत्रों का जाप करना चाहिए. अंत में मां की आरती करें और कन्या पूजन के बाद उन्हें उपहार देकर विदा करें.


मां सिद्धिदात्री का पूजा मंत्र


सिद्ध गन्धर्व यक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि,
सेव्यमाना सदा भूयात सिद्धिदा सिद्धिदायिनी.

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