नई दिल्ली: आज का दिन धार्मिक दृष्टि से बेहद खास है. आज एकादशी है. इस एकादशी को षटतिला एकादशी कहा जाता है. इस दिन व्रत रखने और पूजा करने से जीवन में चल रहे संकटों में कमी आती है. धन आने के मार्ग खुलते हैं और घर में एक सुख समृद्धि का वातावरण बनता है. षटतिला एकादशी 21 जनवरी तक रहेगी.
जिन लोगों के जीवन में मानसिक तनाव की स्थिति बनी हुई है, पति और पत्नी के बीच तालमेल सही नहीं है. कोई रोग परेशान किए हुए है और नौकरी में बाधा आ रही है, यानी समस्याओं से अगर घिरे हुए हैं तो ऐसे लोगों के लिए 20 जनवरी का दिन बहुत ही महत्वपूर्ण है. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. इस दिन जो महिलाएं व्रत रखती हैं उनकी सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूरी होती हैं. वैसे तो एकादशी के व्रत को सभी व्रतों में सर्वश्रेष्ठ माना गया है. पूरे वर्ष में एकादशी के 24 व्रत हैं, लेकिन इन व्रतों में भी षटतिला व्रत श्रेष्ठ व्रतों में से एक माना जाता है. इस दिन स्नान और दान करने से कई तरह के कष्टों से मुक्ति मिलती है. घर के सभी सदस्यों पर भगवान विष्णु की कृपा बनी रहती है. संकट आने पर भगवान विष्णु अपने भक्तों को मदद करते हैं. जिस तरह से भगवान ने गजराज की मदद की थी जब गजराज को पानी में एक मगर खींचे ले जा रहा था. जो लोग भगवान विष्णु का आर्शीवाद जीवन में प्राप्त करना चाहते हैं उन्हें इस दिन पूरे विधि विधान और संयम से भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करनी चाहिए.
षटतिला एकादशी का समय
20 जनवरी को प्रात: 2 बजकर 51 मिनट से षटतिला एकादशी तिथि का शुभारंभ होगा और 21 जनवरी को 2 बजकर 5 मिनट पर समापन होगा.
इस तरह से करें पूजा
इस दिन भगवान विष्णु के चित्र पर फूल अर्पित करें. जो लोग व्रत रखते हैं उन्हें अन्न ग्रहण नहीं करना चाहिए. फलों का ही सेवन करें. घर में धार्मिक अनुष्ठान करें. शाम के समय आरती करें और तुलसी के सामने एक दीपक जलाकर अपनी मनोकामना मन में स्मरण करें. व्रत का समापन अगले दिन सूर्योदय के बाद ही करें. व्रत के दौरान मन में सात्विक विचार लाएं. भगवान का ध्यान लगाएं. इस दिन बुरे विचार मन में कतई न लाएं. व्रत के दौरान प्रसन्न रहें. जो लोग व्रत रखते हैं उनहें नमक, तेल और अन्न का सेवन नहीं करना चाहिए.