Shattila Ekadashi Daan: माघ महीने की पहली एकादशी का व्रत 18 जनवरी को किया जाएगा. यह षटतिला एकादशी का व्रत होगा. इस दिन तिल से भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. षटतिला एकादशी पर तिल का विशेष महत्व होता है.


धार्मिक मान्यता है कि षटतिला एकादशी का व्रत करने से हजारों वर्ष तपस्या करने के अधिक फल मिलता है साथ ही जो इस दिन तिल का छह तरह से उपयोग करता है उसे कभी धन की कमी नहीं होती, आर्थिक तंगी से छुटकारा मिलता है. व्यक्ति को हजारों वर्ष स्वर्ग में रहने का पुण्य प्राप्त होता है. आइए जानते हैं षटतिला एकादशी के दिन किए काले तिल और काली गाय का दान क्यों किया जाता है.


षटतिला एकादशी पर काले तिल के दान का महत्व


षटतिला एकादशी के दिन तिल का विशेष महत्व माना जाता है. मान्यता है कि षटतिला एकादशी के दिन जो व्यक्ति तिल का दान करता है उसे जन्म-मरण के चक्र से छुटकारा मिलता है.


माना जाता है कि षटतिला एकादशी के दिन तिल का दान करने से स्वर्ग की प्राप्ति होती है. षटतिला एकादशी के दिन जो व्यक्ति व्रत रखता है और काले तिलों का दान करता है उसे बहुत पुण्य मिलता है. इस दिन तिल का दान करने से पापों का नाश होता है और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है.


षटतिला एकादशी के दिन काली गाय के दान का महत्व


षटतिला एकादशी के दिन काली गाय के दान का भी खास महत्व होता है. माना जाता है कि इस दिन काली गाय के दान से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है.


षटतिला एकादशी के दिन काली गाय का दान करने से नवग्रहों को शांति मिलती है. इसलिए नवग्रहों की शांति के लिए षटतिला एकादशी के दिन गौ दान जरूर करें. काली गाय के दान से  व्यक्ति के जीवन में स्थिरता आती है. षटतिला एकादशी के दिन काली गाय के दान से शनि का कुप्रभाव भी कम होता है.


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