Sheetala Ashtami 2021: साल में कई तिथियां ऐसी होती हैं जो हर महीने आती हैं, लेकिन कुछ महीनों में उनका महत्व काफी ज्यादा हो जाता है. हर महीने 2 बार अष्टमी आती है, लेकिन आषाढ़ मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी को शीतला अष्टमी कहा जाता है. जानकार हैरानी होगी कि देश के अलग-अलग इलाकों में शीतलाष्टमी अलग-अलग समय पर मनाई जाती है. हालांकि आषाढ़ मास की शीतला अष्टमी का विशेष महत्व है.
क्या है शीतला अष्टमी की मान्यता
माना जाता है कि शीतला अष्टमी के दिन आप अगर पूरे विधि विधान के साथ पूजा करेंगे तो आपको बीमारियों से मुक्ति मिल जाएगी और आपके घर में सुख शांति आ जाएगी. आप पूजा करने के बाद माता शीतला का जाप करें. ऐसा करने से आपको बीमारियों से मुक्ति मिल जाएगी और आप स्वस्थ हो जाएंगे.
शीतला अष्टमी के दिन ये उपाय करना ना भूलें
शीतला अष्टमी के दिन आप पूजा करने के बाद माता को जल अर्पित करें और उसमें से कुछ जल बचा लें. इस जल को माता शीतला का ध्यान करके घर की सभी जगहों पर छिड़क लें और माता से अपनी मनोकामना पूरी करने की प्रार्थना करें. अगर आप ये उपाय करेंगे तो आपके घर में सुख शांति आ जाएगी.
कुमकुम, अक्षत और लाल फूल चढ़ाएं
आप माता शीतला की पूजा करने के बाद उन्हें कुमकुम अक्षत और लाल रंग के फूल चढ़ाएं. ऐसा करने से मां आपकी मनोकामना पूरी करेंगे और बीमारियों से मुक्ति दिलाएंगी. साथ ही सुख शांति के लिए "‘वन्देऽहं शीतलां देवीं रासभस्थां दिगम्बरराम्,मार्जनीकलशोपेत..." मंत्र का जाप करें. इससे देवी आपकी मनोकामना पूरी करेंगी.
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