Sheetala Ashtami 2024: बसोड़ा यानी शीतला अष्टमी 2 अप्रैल 2024 को मनाई जाएगी. इस दिन शीतलता प्रदान करने वाली देवी शीतला की पूजा की जाती है. महिलाएं व्रत रखकर इस दिन सूर्योदय से पूर्व ही मां शीतला की पूजा कर लेती हैं.
स्कंद पुराण के अनुसार ब्रह्मा जी ने सृष्टि को स्वस्थ और निरोगी रखने की जिम्मेदारी शीतला माता को सौंपी थी.यही वजह है कि देवी शीतला की उपासना से बच्चे से लेकर बड़े तक सेहतमंद रहते हैं. जानें शीतला अष्टमी की पूजा सामग्री, मुहूर्त और कथा.
शीतला अष्टमी पूजा सामग्री (Sheetala Ashtami Puja samagri)
जल भरा कलश, ठंडा दूध, दही, रोली, कुमकुम, अक्षत, फूल, आटे का दीपक, घी, मौली, मेहंदी, हल्दी, वस्त्र, दक्षिणा, होली के बड़कुले, जल से भरा कलश, घी, आटे का दीपक, व्रत कथा की पुस्तक प्रसाद, राबड़ी, मीठा भात (ओलिया), बाजरे की रोटी, शक्कर पारे, पूड़ी, मगद, खाजा, कंडवारे, चने की दाल, चूरमा, नमक पारे, बेसन चक्की, पुए, पकौड़ी. भोगमें चढ़ाने के लिए इन चीजों को एक दिन पहले ही रात में बनाकर रख लें.
शीतला अष्टमी व्रत कथा (Sheetala Puja Vrat Katha)
एक गावं में बूढ़ी माता रहती थी. एक दिन पूरे गांव में आग लग गई. इस आग में पूरा गांव जलकर खाक हो गया लेकिन बूढ़ी माता का घर बच गया. यह देखकर सभी दंग रह गए कि पूरे गांव में केवल एक बूढ़ी माता का घर कैसे बच गया. सभी बूढ़ी माता के पास आकर पूछने लगे तो उन्होंने बताया कि वह चैत्र कृष्ण अष्टमी को व्रत रखती थीं. शीतला माता की पूजा करती थीं. बासी ठंडी रोटी खाती थी.
इस दिन चूल्हा भी नहीं जलाती थी. यही वजह है कि शीतला माता की कृपा से उनका घर बच गया और बाकी गांव के सभी घर जलकर खाक हो गए. माता के इस चमत्कार को देख पूरा गांव माता शीतला की पूजा करने लगा और तब से शीतला अष्टमी का व्रत रखने की परंपरा शुरू हो गई.
शीतला अष्टमी 2024 मुहूर्त
चैत्र कृष्ण अष्टमी तिथि - 1 अप्रैल 2024, रात 09.09
चैत्र कृष्ण अष्टमी तिथि समापन - 2 अप्रैल 2024, रात 08.08
शीतला पूजा समय - सुबह 06.10 - शाम 06.40
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