Sheetala Puja 2023: 27 जनवरी का दिन है खास, संतान सुख पाने के लिए इस दिन करें शीतला देवी की पूजा, जानें मुहूर्त
Sheetala Puja 2023: माघ माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को शीतला षष्ठी का व्रत किया जाता है. महिलाएं ये व्रत संतान सुख के लिए करती हैं.जानते हैं शीतला षष्ठी व्रत की डेट, मुहूर्त और महत्व.
Sheetala Puja 2023: हिंदू धर्म में शीतला माता की पूजा का विशेष महत्व है. माघ माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को शीतला षष्ठी का व्रत किया जाता है. महिलाएं ये व्रत संतान की लंबी आयु और उसके उत्तम स्वास्थ के लिए करती हैं. इस दिन माता शीतला का विधिवत पूजन करना चाहिए.
मान्यता है इससे मन को शीतलता मिलती है और जीवन से तनाव दूर होता है. इस दिन शीतला देवी को ठंडा भोजन प्रसाद के रूप में अर्पित किया जाता है और फिर इसे व्रती ग्रहण करते हैं. आइए जानते हैं शीतला षष्ठी व्रत की डेट, मुहूर्त और महत्व.
शीतला षष्ठी 2023 डेट (Sheetala Shashti 2023 Date)
पंचांग के अनुसार इस साल शीतला षष्ठी का व्रत 27 जनवरी 2023 को किया जाएगा. तैंतीस करोड़ देवी-देवताओं में शीतला माता का विशेष स्थान हैं. शीतला षष्ठी व्रत को करने से देवी प्रसन्न होती हैं और व्रती के कुल में समस्त शीतलाजनित दोष दूर हो जाते हैं.
शीतला षष्ठी 2023 मुहूर्त (Sheetala Shashti 2023 Muhurat)
- ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 05:29 - सुबह 06:22
- अभिजित मुहूर्त - दोपहर 12:18 - दोपहर 01:01 पी एम
शीतला षष्ठी महत्व (Sheetala Shashti Significance)
पौराणिक मान्यता के अनुसार संतान प्राप्ति के लिए शीतला षष्ठी व्रत बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. इस व्रत के प्रभाव से निसंतान दंपत्ति के घर शीघ्र किलकारियां गूंजती है और सौभाग्य की प्राप्ति होती है. शीतला षष्ठी व्रत साधक को दैहिक और दैविक ताप से मुक्त करता है. देवी शीतला के आशीर्वाद से रोग-विकारों से मुक्ति मिलती है. चेचक जैसे गंभीर रोग खत्म हो जाते हैं.
शीतला षष्ठी पूजा विधि (Sheetala Shashti Puja Vidhi)
- शीतला षष्ठी व्रत के दिन सूर्योदय से पूर्व उठकर ठंडे पानी से स्नान करें. इस दिन व्रती को गर्म चीजों का इस्तेमाल नहीं करना है.
- स्नान के बाद व्रत का संकल्प लें और फिर सुबह-सुबह ही देवी शीतला के मंदिर में पूजा करें.
- देवी शीतला की मूर्ति पर जल अर्पित करें और इस मंत्र का जाप करें - 'श्रीं शीतलायै नमः, इहागच्छ इह तिष्ठ'
- मौली, चंदन, अक्षत, वस्त्र, फूल, आदि माता शीतला को अर्पित करें. शीतलाष्टक स्तोत्र का पाठ करना चाहिए
- फिर शीतला देवी की कथा सुनें और देवी को एक दिन पहले रात में पूजा के लिए बनाए गए ठंडे भोग का नेवैद्य चढ़ाएं.
शीतला षष्ठी पूजा के नियम (Sheetala Shashti Puja Niyam)
- शीतला षष्ठी के दिन ध्यान रखें कि गर्म खाद्य-पदार्थ का सेवन भूलकर भी न करें. गर्म पानी से स्नान भी न करें. शीतला षष्ठी पर ऋतु
- शीतला षष्ठी के दिन घर में चूल्हा नहीं जलाया जाता है. एक दिन पहले रात में ही सारा भोजन हलवा, गुलगुले, पुए, चावल, रेवड़ी आदि तैयार करके रख लेना चाहिए.
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.