Dev Uthani Ekadashi 2024: देव उठानी एकादशी 12 नवंबर से गूंजेगी शहनाइयां, नवंबर और दिसंबर के शुभ मुूहूर्त जानें
Dev Uthani Ekadashi 2024: देवउठनी एकादशी 12 नवंबर 2024 को है. नवंबर की इस एकादशी से एकबार फिर से शहनाई गूंजेगी. शादी विवाह की शुरुआत इसी दिन से हो जाएगी. नवंबर और दिसंबर 2024 के शुभ मुहूर्त देखें.
Dev Uthani Ekadashi 2024: चार महीने की योग निद्रा के बाद भगवान श्री हरि विष्णु 12 नवंबर को जागेंगे. इसके साथ ही चार महीने से मांगलिक कार्यों पर लगा विराम भी हट जाएगा. नवंबर और दिसंबर में 19 दिन विवाह के मुहूर्त मिलेंगे. इसके बाद खरमास की शुरुआत हो जाएगी और सभी मांगलिक कार्य मकर संक्रांति तक बंद रहेंगे.
पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर-जोधपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य डॉ. अनीष व्यास ने बताया कि कार्तिक मास में आने वाली देवउठनी एकादशी फिर से शादी ब्याह की शहनाई की गूंज सुनाई देगी. इसी के साथ ही शादी ब्याह व मांगलिक कार्य का दौर फिर से प्रारंभ हो जाएगा. इस बार नवंबर में 9 दिन तक और दिसंबर में 10 दिन तक शादी ब्याह की धूम रहेगी. गौरतलब है कि देवउठनी एकादशी के बाद करीब 123 दिन के विराम के बाद मांगलिक कार्य प्रारंभ होंगे. हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 11 नवंबर की शाम 6:46 मिनट पर होगी. वहीं, इस तिथि की समाप्ति अगले दिन यानी 12 नवंबर को 4:14 मिनट पर होगी. ऐसे में उदयातिथि को देखते हुए इस साल देवउठनी एकादशी का व्रत12 नवंबर को ही रखा जाएगा.
ज्योतिषाचार्य डॉ. अनीष व्यास ने बताया कि देवउठनी एकादशी से विवाह के मुहूर्त शुरू होते हैं, क्योंकि इस दिन भगवान विष्णु अपनी चार महीने की योग निद्रा से जागृत होते हैं. इसे देव जागरण का पर्व भी कहा जाता है और इस दिन से लेकर आगामी कई शुभ तिथियों में विवाह जैसे मांगलिक कार्य प्रारंभ होते हैं.
इस वर्ष देवउठनी एकादशी 12 नवंबर को है और इसके साथ ही शादियों का सीजन जोर-शोर से शुरू हो जाएगा. इस वर्ष नवंबर और दिसंबर में कई महत्वपूर्ण तिथियां हैं, जिन्हें विवाह के लिए विशेष रूप से शुभ माना जा रहा है. देवउठनी एकादशी का पर्व 12 नवंबर को मनाया जाएगा और इस दिन तुलसी-शालिग्राम विवाह के साथ मांगलिक कार्यों की शुरुआत होगी. चार महीने तक भगवान विष्णु के विश्राम के कारण विवाह जैसे कार्य वर्जित रहे. 12 नवंबर से विवाह मुहूर्तों की शुरुआत होगी, लेकिन 16 दिसंबर से खरमास की शुरुआत होगी, जो 15 जनवरी 2025 तक चलेगा.
16 दिसंबर से खरमास (Kharmas 2024)
देवउठनी एकादशी का पर्व 12 नवंबर को रहेगा. इस दिन घरों में देव उठाए जाएंगे. नवंबर और दिसंबर के पहले पखवाड़े में लग्न मुहूर्त अधिक रहेंगे . इसके बाद 16 दिसंबर से सूर्य के धनु राशि में प्रवेश के साथ ही खरमास की शुरुआत हो जाएगी, जो 15 जनवरी 2025 मकर संक्रांति तक रहेगा. इस दौरान मांगलिक कार्यों पर विराम रहेगा. 15 जनवरी को सूर्य के मकर राशि में प्रवेश के साथ ही खरमास समाप्त होगा और फिर से लग्न मुहूर्त की शुरुआत हो जाएगी.
चार दिन रहेगी विशेष तिथियां (Shubh Tithi)
22 और 23 नवंबर के बाद 9 और 10 दिसंबर की तिथियां विशेष रूप से अत्यधिक शुभ मानी गई हैं. इस दौरान पूरे दिन और रात विवाह के लिए उत्तम मुहूर्त उपलब्ध रहेंगे, जो इसे एक आदर्श समय बनाते हैं. दिसंबर की 14 तारीख को केवल दिन का समय ही विवाह के लिए अनुकूल है, क्योंकि शाम के बाद खरमास शुरू हो जाएगा, जिसके कारण मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती है.
शुभ मुहूर्त (Vivah Muhurat)
शुभ मुहूर्त में विवाह करने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. भारतीय समाज में बिना मुहूर्त के विवाह करना अशुभ माना जाता है, क्योंकि मान्यता है कि ऐसा करने से जीवन में कठिनाइयां आ सकती हैं. इसी वजह से शुभ मुहूर्तों में विवाह करने का प्रचलन है और विवाह सीजन के दौरान लोग ज्योतिषाचार्यों से परामर्श कर मुहूर्त निकालने पर विशेष जोर देते हैं.
शुभ मुहूर्त 2024 (Shubh Muhurat 2024)
नवंबर: 16 से 18, 22 से 26,28 ( 9 दिन)
दिसंबर: 2 से 5, 9 से 11, 13 से 15 (10 दिन)
(कुछ पंचांग में भेद होने के कारण तिथि घट बढ़ सकती है और परिवर्तन हो सकता है.)
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