Lord Shiv Ji: शिव पुराण के अनुसार त्रिदेव में शिव जी सर्व शक्तिशाली माने गए हैं. देवाधिदेव महादेव को अपने भक्तों से बहुत प्रसन्न रहते हैं. शिव को भोलेनाथ के नाम से भी पुकारा जाता है. शिव जी जितने भोले हैं उतने ही गुस्से वाले भी है.
कहते हैं शिव जी को एक बार गुस्सा आ जाए तो फिर उनका गुस्सा काबू में कर पाना ब्रह्मांड में किसी के भी बस में नहीं. धार्मिक मान्यता है कि जिस दिन क्रोध में आकर शिव जी की तीसरी आंख खुल गई उस दिन समस्त संसार का विनाश हो जाएगा लेकिन क्या आप जानते हैं शिव को इतना क्रोध क्यों आता है. आइए जानें.
शिव जी को क्यों आता है गुस्सा ?
शिव जी की सच्चे भक्ति करने वालों की मनोकामना कभी अधूरी नहीं रहती फिर चाहे वो मनुष्य हो, देवी-देवात, गंधर्व या फिर असुर. भोलेनाथ सच्चे भक्तों को समान रूप से आशीर्वाद देते हैं लेकिन शिव जी को गुस्सा आ जाए तो व्यक्ति का सर्वनाश भी हो जाता है. शिव पुराण में कुछ ऐसे काम बताए गए हैं जो सोच-समझकर किए जाए है तो शिव जी बहुत गुस्सा हो जाते हैं.
- शिव पुराण के अनुसार जो व्यक्ति दूसरी के पति या पत्नी पर बुरी नजर रखते हैं वह पाप के भागी होते हैं. ऐसे अपराधियों को शिव जी के गुस्से का सामना करना पड़ता है.
- दान दी हुई वस्तु को कभी वापस नहीं लेना चाहिए, इससे शिव अत्यंत क्रोधित हो जाते हैं. धर्म का अपमान करने वालों को भी शिव जी कभी बख्शते नहीं है.
- दूसरों के धन, संपत्ति को हड़पने वाले को शिव जी कभी माफ नहीं करते. बुरे काम के लिए मंदिर से चोरी करना, नादान और निरपराध को कष्ट पहुंचाना भी पाप की श्रेणी में रखा गया है.
- गर्भवती महिलाओं, पूर्वजों और माता-पिता को कटु वचन बोलना, मान-सम्मान को ठेस पहुंचाना शिव पुराण में अक्षम्य अपराध माना गया है. ऐसा काम करने वाले शिव के क्रोध से नहीं बच सकते.
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