Shiv Puran: सभी पुराणों में शिव पुराण सर्वाधिक महत्व रखता है. इसमें शिवजी के विविध रूप, अवतार, ज्योतिर्लिंग, भक्त-भक्ति का विस्तृत विवरण मिलता है. बता दें कि हिंदू धर्म के 18 पुराणों में शिव पुराण सबसे अधिक पढ़ा जाने वाला पुराण है.
शिव पुराण में शिवजी के रूपों, लीलाओं और कथाओं का वर्णन किया गया है. कथाओं के माध्यम से इसमें शिवजी की महिमा का उल्लेख किया गया है. धार्मिक मान्यता है कि, जो व्यक्ति शिव पुराण की कथा को पढ़ता या सुनता है उसके समस्त दुख दूर होते हैं परिवार पर शिवजी का आशीर्वाद बना रहता है. शिव पुराण का पाठ करने के कई लाभ होने के साथ ही इसके कुछ जरूरी नियम भी है, जिसे जानना जरूरी है.
शिव पुराण के लाभ (Benefits of Shiv Purana)
- संतानहीन लोगों को संतान प्राप्ति के लिए शिव पुराण की कथा जरूर पढ़नी चाहिए.
- ऐसे साधक जो गंभीर रोगों से ग्रस्त हैं, उन्हें भी इसका पाठ करना चाहिए या श्रवण करना चाहिए.
- शिव पुराण की कथा पढ़ने या सुनने से साधक को शिवलोक में स्थान प्राप्त होता है.
- शिव पुराण में ऐसा कहा गया है कि, शिव पुराण को महज सुनने मात्र से ही व्यक्ति के समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं.
शिव पुराण के नियम (Rules of Shiv Purana)
- शिव पुराण की कथा पढ़ने या सुनने से पहले शिवजी का ध्यान करते हुए संकल्प लेना चाहिए. इसके बाद पूरे भक्ति-भाव से कथा सुनें, तभी इसका पूर्ण लाभ मिलता है.
- जो व्यक्ति पाठ का संकल्प लेता है, उसे केवल एक समय सात्विक भोजन करना चाहिए और ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए.
- शिव पुराण की कथा में अपने सगे-संबंधियों को जरूर आमंत्रित करें. इस बात का भी ध्यान रखें कि, शिवपुराण की कथा निराहार रहकर ही पढ़ें या सुनें.
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