(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Shiv Puran: शिव पुराण की ये बातें जीवन में आएंगी बहुत काम, महादेव की महिमा से सफल होगा जीवन
Shiv Puran: शिव पुराण में ज्ञान, मोक्ष, व्रत, जप, तप आदि के लाभ का वर्णन किया गया है. शिव पुराण में ज्ञान व भक्ति का अथाह भंडार है. जानें शिव पुराण में बताई ऐसी बातें जो जीवन में आपके बहुत काम आएंगी.
Shiv Puran Lord Shiva Niti in Hindi: भगवान सदाशिव की अनुपम अद्भुत दिव्य कलाओं की चर्चा ही शिव महापुराण है, जोकि 18 पुराणों में सबसे महत्वपूर्ण है. शिव महापुराण में शिवजी की शक्ति, भक्ति और महिमा का दिव्य वर्णन मिलता है. इसमें 24 हजार श्लोक और आठ संहिताएं (विद्येश्वर, रुद्र, शतरुद्र, कोटिरुद्र, उमा, कैलाश, वायवीय संहिता) हैं, जोकि मोक्ष प्रदायक हैं.
शिव पुराण में शिवजी की भक्ति-शक्ति के साथ ही उनके विभिन्न अवतारों, ज्योतिर्लिंगों और संपूर्ण जीवन चरित्र पर विस्तृत प्रकाश डाला गया है. इस पुराण में ज्ञान और भक्ति से जुड़ी कई बातें बताई गई हैं. आइये जानते हैं शिव पुराण की उन बातों के बारे में जो सफल जीवन के लिए आपके बहुत काम आएंगी.
संध्याकाल: संध्याकाल का समय शिव का है. ये ऐसा समय होता है जब वे अपनी तीसरी नेत्र के तीनों लोक को देख रहे होते हैं और नंदी गणों के साथ भ्रमण करते हैं. इसलिए इस समय कटु वचनों, अनैतिक कर्मों, कलह-क्लेश, सहवास, भोजन, यात्रा आदि जैसे कामों को नहीं करना चाहिए. इससे शिव क्रोधित हो जाते हैं.
निष्काम: किसी भी काम को करते समय यह याद रखें कि आप खुद के साक्षी या गवाह हैं. आप जो भी अच्छा या बुरा काम कर रहे हैं उसके फल के जिम्मेवार भी आप स्वयं हैं. इसलिए गलत काम करते समय ऐसा कभी नहीं सोचे कि आपको कोई देख नहीं रहा तो आपके उसके फल से बच जाएंगे. मन में ऐसी भावना रखने वाले सदा पाप कर्म करने से दूर रहते हैं. इसलिए मनुष्य को मन, वचन और कर्म से पाप कर्म से दूर रहना चाहिए.
मोह का त्याग: हर व्यक्ति को किसी वस्तु, व्यक्ति, परिस्थिति, स्थान आदि से मोह होता है. यही मोह,आसक्ति या लगाव ही दुखों और असफलताओं का कारण बनती है. इसलिए मोह का त्याग करकर आनंद और सफलता की ओर बढ़ें.
पशु नहीं मनुष्य बनें: राग, द्वेष, वैमनस्य, अपमान और हिंसा जैसी पाशविक प्रवृति वाला व्यक्ति पशु के समान ही होता है. पशुता से मुक्ति के लिए भक्ति, साधना और ध्यान जरूरी है.
धन का संग्रह: धन संग्रह करने से पहले इस का ध्यान रखें कि धन अर्जित करने के लिए हमेशा सही मार्ग अपनाएं और मेहनत से धन कमाएं. अर्जित धन को तीन भाग में बांटें. एक भाग उपभोग के लिए, एक भाग धर्म-कर्म के काम के लिए और एक भाग भविष्य के लिए संचित करें.
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