शिवलिंग भगवान शंकर का एक प्रतीकात्मक रूप है. शिव का अर्थ है शुभ है और लिंग का अर्थ है ज्योति पिंड. शिवलिंग ब्रह्मांड या ब्रह्मांडीय अंडे का प्रतिनिधित्व करता है क्योंकि ब्रह्मांड अंडे के आकार ही है. जिसके कारण यह एक अंडाकार शिवलिंग की तरह नजर आता है. शिवलिंग कई धातुओं और चीजों से बने होते हैं और हर प्रकार शिवलिंग की पूजा का अलग फल है. आने वाले 1 मार्च को भगवान शिव का पावन त्यौहार महाशिवरात्रि आने वाला है. आज हम आपको विस्तृत रूप से बताने जा रहे है कि इस महत्वपूर्ण त्यौहार महाशिवरात्रि में किस धातु से बने शिवलिंग की पूजा करने से क्या फल प्राप्त होते हैं.



  • लोहे के बने शिवलिंग पर अभिषेक करने से शत्रुओं का नाश होता है. जो व्यक्ति रोज इस प्रकार के शिवलिंग में शुद्ध जल अर्पित करता है. उसके आस-पास विरोधी और नुकसान पहुंचाने वाले लोग नहीं आ पाते.

  • पीतल के बने शिवलिंग पर अभिषेक करने से सुखों की प्राप्ति होती है. महाशिवरात्रि के दिन इस शिवलिंग में दूध और जल के मिश्रण को अर्पित करने से जीवन में सभी कष्ट दूर होते हैं.

  • महाशिवरात्रि के दिन कास्य के बने शिवलिंग पर अभिषेक करने से यश की प्राप्ति होती है. इसे समाज में मान-सम्मान और तारीफे मिलती है.

  • शिव को प्रसन्न करने के लिए महाशिवरात्रि के दिन तांबे के बने शिवलिंग पर अभिषेक करने से लंबी आयु की प्राप्ति होती है. 

  • पारद के बने शिवलिंग पर अभिषेक करने से सुख - सौभाग्य में वृद्धि होती है. जो व्यक्ति महाशिवरात्रि के दिन चावल मिले जल से शिवलिंग को अर्पित करता है उसके जीवन से दुखों का नाश होता है

  • जो व्यक्ति काफी समय से बीमारी से ग्रस्त चल रहे हैं. उन्हें मोती के शिवलिंग पर अभिषेक करने से रोगों का नाश होता है.

  • स्फटिक के बने शिवलिंग पर अभिषेक करने से मनुष्य की सारी कामनाएं पूरी होती है.

  • पुखराज से बने शिवलिंग पर अभिषेक करने से धन-लक्ष्मी की प्राप्ति होती है.

  • नीलम के शिवलिंग पर अभिषेक करने से सम्मान की प्राप्ति होती है.

  • पितरों की मुक्ति के लिए चांदी के शिवलिंग पर अभिषेक करने से लाभ होता है. 

  • सोने के बने शिवलिंग पर अभिषेक करने से स्वर्गलोक की प्राप्ति होती है.

  • किसी भी फल को शिवलिंग के समान रककर उसकी पूजा करने से फलवाटिका में अधिक उत्तम फल मिलता है.

  • फूलों से बने शिव लिंग कि पूजा से भूमि-भवन कि प्राप्ति होती हैं.

  • जौं, गेहूं, चावल तीनों का एक समान भाग में मिश्रण कर आटे के बने शिवलिंग कि पूजा से परिवार में सुख समृद्धि एवं संतान का लाभ होकर रोग से रक्षा होती हैं.

  • यदि बाँस के अंकुर को शिवलिंग के समान काटकर पूजा करने से वंश वृद्धि होती है.


'मंगल' कराता है युद्ध, 26 फरवरी को शनि की राशि मकर में करने जा रहा है प्रवेश


आज से 32 दिनों के लिए 'गुरु' अस्त हो चुके हैं. इन दो राशियों पर पड़ेगा सबसे अधिक प्रभाव