Shravan 2021 Tripund: क्या है त्रिपुंड? भगवान शिव को है प्रिय, जानें सावन में लगाने का सही तरीका व इसका लाभ
Shravan 2021 Tripund: सावन मास में भगवान शिव को प्रसन्न करने के उपायों में से एक त्रिपुंड भी है. शिव भक्त अपने माथे अर्थात ललाट पर भस्म या चंदन से तीन रेखाएं बनाते हैं. इसे त्रिपुंड कहते हैं.
Sawan 2021 aur Tripund: सावन का महीना 25 जुलाई से आरंभ हो चुका है. सावन मास भगवान शिव को प्रसन्न करने और उनकी कृपा प्राप्त करने का सबसे अच्छा और उत्तम महीना होता है. सावन के सभी सोमवार को विशेष रूप से शिव अराधना की जाती है. इस लिए शिव भक्त इस महीने में भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए तरह – तरह के उपाय करते हैं. इन्हीं में से एक उपाय है त्रिपुंड लगाना. धार्मिक मान्यता है कि माथे अर्थात ललाट पर भस्म या चंदन का त्रिपुंड लगाने से शिव भगवान अपने भक्तों की मनोकामना पूर्ण करते हैं. आइये जानते हैं कि त्रिपुंड लगाने के लाभ और तरीके क्या-क्या हैं?
क्या है त्रिपुंड?
ललाट या माथे पर भस्म या चंदन से तीन रेखाएं बनाई जाती हैं. इन्हीं तीन रेखाओं को त्रिपुंड कहते हैं. त्रिपुंड की इन तीनों रेखाओं को मध्यमा, अनामिका और अंगुठे से बनाया जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सावन में त्रिपुंड लगाने से व्यक्ति का मस्तिष्क सदैव शीतल बना रहता है.
त्रिपुंड में देवताओं का होता है वास
ललाट या माथे पर लगे त्रिपुंड की तीनों रेखाओं में 9-9 देवताओं का वास होता है. त्रिपुंड की प्रथम रेखा में नौ देवताओं अकार, धर्म, रजोगुण, गार्हपत्य अग्नि, पृथ्वी, ऋग्वेद, क्रिया शक्ति, प्रात:स्वन और महादेव वास करते हैं. त्रिपुंड के दूसरी रेखा में नौ देवताओं ऊंकार, दक्षिणाग्नि, मध्यंदिनसवन, इच्छाशक्ति, आकाश, सत्वगुण, यजुर्वेद, अंतरात्मा और महेश्वर जी का वास होता है. त्रिपुंड की आखिरी तीसरी रेखा में नौ देवताओं मकार, आहवनीय अग्नि, परमात्मा, तमोगुण, द्युलोक, ज्ञानशक्ति, सामवेद, तृतीय सवन तथा शिव वास करते हैं.
सावन में त्रिपुंड लगाने के लाभ
हिंदू धर्म में त्रिपुंड का बहुत विशेष महत्व है. सावन में त्रिपुंड लगाने से भगवान शिव की कृपा होती है. धार्मिक मान्यता है कि त्रिपुंड लगाने से मन में किसी प्रकार बुरे विचार नहीं आते हैं. इसे धारण करने वाले के अन्दर से नकरातमक ऊर्जा समाप्त हो जाती है. मन में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बना रहता है. सावन में त्रिपुंड लगाने से मन में शांति रहती है. प्रभु में ध्यान लगता है. कहा जाता है की त्रिपुंड लगाने से भक्त की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.