![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/Premium-ad-Icon.png)
Shri Krishna Janmastami 2021: इस बार की जन्माष्टमी इतनी खास क्यों? जानें विस्तार से
Importance of Shri Krishna Janmastami 2021: हिंदी पंचांग के अनुसार कृष्ण जन्माष्टमी का व्रत और पूजन 30 अगस्त को होगा. इस बार की श्री कृष्ण जन्माष्टमी का योग बेहद विशिष्ट है. जानें क्यों है इतनी ख़ास?
![Shri Krishna Janmastami 2021: इस बार की जन्माष्टमी इतनी खास क्यों? जानें विस्तार से Shri Krishna Janmastami 2021 the coincidence of krishnashtami after 101 years in jayanti yoga know these importance Shri Krishna Janmastami 2021: इस बार की जन्माष्टमी इतनी खास क्यों? जानें विस्तार से](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2018/09/04100204/janmashtami-4.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Importance of Shri Krishna Janmastami 2021: साल 2021 में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 30 अगस्त को मनाई जायेगी. ज्योतिष शास्त्र की गणना के अनुसार, 101 साल बाद जयंती योग का यह अत्यंत दुर्लभ संयोग बन रहा है. इस बार इसी जयंती योग में जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जायेगा. श्रीमद्भागवत पुराण के अनुसार, श्रीकृष्ण जी का जन्म भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि, दिन सोमवार, रोहिणी नक्षत्र व वृष राशि में मध्य रात्रि को हुआ था.
ज्योतिष शास्त्र की गणना के अनुसार, इस बार भी श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 30 अगस्त को दिन सोमवार, भादो माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि है. चंद्रमा वर्ष राशि में रहेंगे. रोहिणी नक्षत्र का प्रवेश भी 30 अगस्त को सुबह 6 बजकर 49 मिनट पर हो जाएगा. अष्टमी तिथि भी सोमवार को मध्यरात्रि 12 बजकर 24 मिनट तक रहेगी. तत्पश्चात बाद नवमी लग जाएगी. इस प्रकार से देखें तो अष्टमी तिथि, रोहिणी नक्षत्र और सोमवार दिन तीनों का एक साथ मिलना दुर्लभ है. ज्योतिषीय गणना के अनुसार 101 साल बाद या दुर्लभ संयोग बना है. पंचांग के मुताबिक़, अष्टमी तिथि 29 अगस्त को रात्रि 10 बजकर 10 मिनट पर लग जाएगी.
ऐसे में इस बार की जन्माष्टमी पर बन रहे इन कई विशिष्ट संयोगों के कारण बेहद खास हो गई है मान्यता है कि ऐसे विशिष्ट योग में जन्माष्टमी की पूजा विधि-विधान पूर्वक करने पर भगवान कृष्ण की भक्तों पर अपार कृपा बरसती है. इससे भक्तों की सारी मनोकामनायें पूर्ण होती हैं.
तीन जन्मों के पाप से मुक्त होते हैं लोग
निर्णय सिंधु नामक ग्रंथ के अनुसार जन्माष्टमी पर जब कभी ऐसे संयोग बनते हैं तो भक्तों यह अवसर हाथ से जाने नहीं देना चाहिए. धार्मिक मान्यता है कि इस संयोग में जन्माष्टमी व्रत रखकर श्रीकृष्ण की पूजा करने से तीन जन्मों के जाने-अनजाने में हुए पापों से मुक्ति मिलती है.
संतान प्राप्ति के लिए यह जन्माष्टमी का व्रत है विशिष्ट
इस विशिष्ट एवं दुलर्भ संयोग में उन लोगों को जरूर व्रत रखना चाहिए जिन्हें संतान प्राप्ति कि इच्छा है. ऐसे में महिलाओं को इस दिन भगवान श्री कृष्ण के बाल स्वरूप गोपाल का पूजन कर पंचामृत से स्नान कर नया वस्त्र धारण कराकर गोपाल मंत्र का जाप करना चाहिए. इससे उन्हें यशस्वी दीर्घायु संतान की प्राप्ति होगी
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)
![शशांक शेखर झा, एडवोकेट](https://feeds.abplive.com/onecms/images/author/9b8abdc403deb156892be83734d70d7b.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=70)