Shukrawar Puja: शुक्रवार का दिन देवियों को समर्पित है. हिंदू मान्यता अनुसार शुक्रवार का दिन सुख प्रदान करने वाली मां संतोषी (Santoshi Maa), घर को धन-धान्य से भरने वाली माता लक्ष्मी (Laxmi ji)और संकटों का नाश करने वाली देवी दुर्गा, मां काली (Kali mata) की पूजा के लिए खास माना जाता है.
शुक्रवार व्रत और पूजन अलग-अलग वजहों से किया जाता है. आइए जानते हैं शुक्रवार को क्या करने से घर में खुशहाली, धन आगमन और संपन्नता प्राप्त होती है.
शुक्रवार को इन त्रिदेवियों की पूजा से चमकता है भाग्य (Shukrawar Vrat Puja Importance)
मां लक्ष्मी (Lakshami ji)- धन की देवी लक्ष्मी जी को प्रसन्न करने के लिए शुक्रवार को वैभव लक्ष्मी (Vaibhav laxmi vrat)व्रत करने की सलाह दी जाती है. घर-परिवार में लक्ष्मी का वास बनाए रखने के लिए भी यह व्रत उपयोगी है. इसे स्त्री-पुरुष कोई भी कर सकता है. इसमें एक समय भोजन किया जाता है.
पूजा में लक्ष्मी जी को सफेद चंदन, सफेद फूल, खीर का भोग अर्पित करें. इस दिन लक्ष्मी श्री यंत्र को स्थापित कर उसकी नियमित रूप से पूजा करने से धन, व्यापार में वृ्द्धि होती है. वैभव लक्ष्मी व्रत 11 या 21 शुक्रवार तक करें. इसे किसी भी माह के शुक्ल पक्ष के शुक्रवार से शुरू करना चाहिए.
उपाय - लक्ष्मी जी को प्रसन्न करने के लिए श्रीसूक्त का पाठ करें, सफेद चीजों का दान करें.
मां संतोषी (Maa Santoshi) - संतोषी माता साधक के दुख और चिंताओं को दूर कर खुशहाली प्रदान करने वाली देवी मानी जाती है. इसकी कृपा प्राप्त करने के लिए 16 शुक्रवार के व्रत (Santoshi mata vrat) करने का विधान है. मां संतोषी को पूजा में गुड़ और चना विशेष रूप से चढ़ाया जाता है. इसमें खट्टी चीजों का सेवन वर्जित है. इसे भी शुक्ल पक्ष के शुक्रवार से आरंभ करना चाहिए.
उपाय - श्री संतोषी देव्व्ये नमः का 108 बार जाप करें.
मां काली की पूजा (Maa kali) - संहार की अधिष्ठात्री देवी मां काली की पूजा शुक्रवार को अचूक मानी जाती है. इनकी उपासना से शत्रु का विनाश, भय, रोग, दोष, जादू टोना आदि से मुक्ति मिलती है. मां काली की सामान्य रूप से पूजा करनी चाहिए. इसके लिए लाल वस्त्र धारण करें, देवी के सामने दीपक और गुग्गल की धूप जलाए. पेड़े और लौंग का भोग अर्पित कर "ॐ क्रीं कालिकायै नमः" का 13 माला जाप करें.
उपाय - आटे का दो मुंह वाला दीपक जलाकर काली चालीसा का पाठ करें.
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